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जयपुर। पुलिस ने कस्बे में पांच दिन पहले फाइनेंस कंपनी में हुई 5 लाख 90 हजार रुपये की लूट का खुलासा गुरुवार की शाम को किया. फाइनेंस कंपनी का ब्रांच मैनेजर लूट में शामिल पाया गया। उसने भाई और रिश्तेदार की मदद से वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने कर्मचारी समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें कर्मचारी को छोड़कर दो लोगों को आड़ में रखा गया है। आरोपी कर्मचारी ने कर्ज चुकाने के लिए वारदात को अंजाम दिया। लूटी गई रकम में से पुलिस ने साढ़े पांच लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। बाइक व चाकू कब्जे में ले लिया।
डीएसपी कीर्तिसिंह ने बताया कि आठ मई को रामगंज मंडी (कोटा) के नूरपुरा निवासी कमल फिनकैप प्राइवेट लिमिटेड की मांडलगढ़ स्थित फाइनेंस कंपनी के शाखा प्रबंधक विक्रम सिंह राठौड़ ने मामला दर्ज कराया था. शिकायतकर्ता ने बताया कि यह कंपनी ग्रुप में लोन देती है। 7 मई को कंपनी के कर्मचारी कर्ज की किस्तें लेकर कार्यालय पहुंचे। रात में मतगणना चल रही थी। तभी बाइक पर आए दो नकाबपोश युवक कार्यालय में घुसे और वहां मौजूद पांच कर्मियों को चाकू दिखाकर धमकाया। बैग में रखे 5 लाख 90 हजार रुपए छीनकर भाग गए। जांच के बाद थानाप्रभारी मनोज जाट के नेतृत्व में टीम ने फरियादी शाखा प्रबंधक विक्रम सिंह, उसके भाई सुरेंद्र सिंह व रिश्तेदार जितेंद्र सिंह राजपूत निवासी सुल्तानपुरा (कोटा ग्रामीण) को डकैती के आरोप में गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सुरेंद्र और जितेंद्र को आड़ में रखा गया है।
घटना के समय कार्यालय में पांच कर्मचारी थे। लुटेरे दो ही थे। इसके बाद लुटेरों से मुकाबला नहीं किया। इससे पुलिस अधिकारियों के शक की सुई घर में ही घूम गई। पुलिस ने जांच का जाल बिछाया तो साफ हो गया कि घटना का साजिशकर्ता दफ्तर में ही हो सकता है। पुलिस ने सभी कर्मचारियों से अलग-अलग पूछताछ की। वैज्ञानिक तरीका अपनाया। पुलिस ने साक्ष्य के आधार पर मैनेजर विक्रम से पूछताछ की तो उसने जुर्म स्वीकार कर लिया। उसके बाद उसके दोनों रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस से बचने और भ्रमित करने के लिए विक्रम ने ही रिपोर्ट दर्ज कराई थी ताकि शक की सूई उन पर न पड़े.
विक्रम ने एक दिन पहले भाई और रिश्तेदार को मांडलगढ़ बुलाया था। उन्हें ऑफिस की सारी बारीकियां समझाईं। दिनभर की वसूली राशि की जानकारी दी। इसके लिए विक्रम ने अपने रिश्तेदारों द्वारा की गई लूट का डेमो भी करवाया। उनके भागने का रूट चार्ट तय किया गया था। साजिश के तहत परिजन नगदी लूट ले गए और हाईवे से कोटा की ओर नहीं गए। वैकल्पिक रास्तों से छिपते हुए गांव पहुंचे। वहां लूट के पैसे बांटे जाते थे। पुलिस ने इनके पास से मिर्च पाउडर भी बरामद किया है। पूछताछ में आरोपी विक्रम ने बताया कि वह और उसका परिवार कर्जदार है। चुकाने के लिए लूटपाट की।
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