राजस्थान

रेलवे स्टेशन की सुविधाओं पर ताले, लाइट बोर्ड चोरी

Admin4
21 Aug 2023 11:27 AM GMT
रेलवे स्टेशन की सुविधाओं पर ताले, लाइट बोर्ड चोरी
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झालावाड़। झालावाड़ जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन बने करीब एक दशक हो गए। यहां रेल सेवाओं में विस्तार हो रहा है। लेकिन सुविधाओं का विस्तार अभी तक नहीं हो पाया है। इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्टेशन पर सबसे ज्यादा परेशानी कैंटिन नहीं होने व जनसुविधाओं पर ताला लगा होने से हो रही है। यहां दुकानें भी बनी हुई है लेकिन उसे भी शुरु नहीं किया जा सका है। पार्किंग संचालन के लिए भी कोई सुविधा नहीं है। प्रतिक्षालयों पर भी ताले लगे हुए है।
झालावाड़ सिटी रेलवे स्टेशन 19 मार्च 2013 में खुल चुका था लेकिन यहां 21 जून 2013 को पहली रेल कोटा-झालावाड़ सिटी पेसेंजर शुरु हुई। इसके बाद लोगों की मांग पर दो साल बाद 5 मार्च 2015 को कोटा-बीना पेसेंजर का होली डे के रुप में झालावाड़ तक विस्तार किया गया। इससे जिलेवासियों को राहत मिली। इसके बाद रेलवे की ओर से जिला मुख्यालय को राजधानी जयपुर से सीधे जोडऩे के लिए 13 मार्च 2019 को कोटा-श्रीगंगानगर सुपर फास्ट एक्सप्रेस को शुरु किया जा रहा है। अब झालावाड़ रेलवे स्टेशन पर तीन-तीन रेलों का ठहराव व आवागमन हो रहा है। इससे यात्रीभार लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में अब सुविधाओं की भी दरकार हो रही है।
रेलवे स्टेशन पर दो दुकानें स्थित है, जिनके शटर आज तक नहीं खुल सके। इसी प्रकार अल्पाहार गृह भी निर्मित है लेकिन उसमें भी आज तक कोई सी भी खाद्य सामग्री नहीं बन पाई। रेलवे स्टेशन शहर से दूर वन क्षेत्र के निकट होने से आसपास बाजार व दुकानें भी नहीं बन सकती है इसलिए लोगों को खाने-पीने की चीजों के लिए भूखें रहना पड़ता है। स्टेशन पर वैसे तो महिला व पुरुषों के लिए जन सुविधा घर बने है वहीं दिव्यांगों के लिए भी शौचालय निर्मित किया गया है लेकिन इन तीनों पर ताले लगे हुए है। यात्री टायलेट के लिए परेशान होते रहते है, खासकर महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालाकि पेयजल के लिए वाटर कूलर है लेकिन एक तरफ का ही चालूहै । स्टेशन परिसर में पार्किंग संचालन का ठेका नहीं होने से लोग अपने वाहन आदि परिसर में बेतरतीब खड़े होकर आवागमन में बाधा पहुंचाते हैं, कई बार तो झगड़े की भी नौब
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