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जयपुर। राजधानी में वन विभाग की हड़ताल अब आम जनता के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. इसी के चलते शुक्रवार को जयपुर के रिहायशी इलाके में एक तेंदुआ घुस आया। यहां एक डेढ़ वर्षीय बालक को एक घर से उठा कर फरार हो गया. परिजन को पता चला तो वे भी बच्चे को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन हमले में घायल मासूम की मौत हो गई। घटना जमवारामगढ़ क्षेत्र के वासना गांव में शाम करीब सात बजे हुई। इस हादसे के बाद गांव में दहशत का माहौल है.
दरअसल, कार्तिक के पिता बलराम कुमार ने बताया कि शुक्रवार शाम करीब छह बजे तेंदुआ गांव में घुस आया था. शाम 7 बजे कार्तिक अपने घर के आंगन में खेल रहा था। उसकी मां पास में बर्तन धो रही थी। तभी तेंदुआ उनके घर पहुंचा और कार्तिक पर हमला कर उसे उठा ले गया। इसी बीच कार्तिक और उसकी मां की चीख पुकार सुनकर ग्रामीणों ने तेंदुए का पीछा किया। डेढ़ साल के मासूम को तेंदुए के मुंह में देख ग्रामीण भी बच्चे को छुड़ाने के लिए उसके पीछे दौड़े, लेकिन वह जंगल की ओर चला गया। ग्रामीणों की भीड़ देख तेंदुआ बच्चे को जंगल में छोड़ गया। तब तक तेंदुआ बच्चे को बुरी तरह जख्मी कर चुका था। इस पर उसे कुक के पास निम्स अस्पताल लाया गया। यहां से उसे जयपुर के एसएमएस अस्पताल रेफर कर दिया गया। जहां देर रात उसकी मौत हो गई।
इस हमले में बच्चा बुरी तरह जख्मी हो गया। तेंदुए ने बच्चे का सिर और मुंह मुंह में दबा लिया तो वह दर्द से कराहने लगा। इस दौरान मासूम के सिर व मुंह पर गहरे घाव हो गए। शरीर के इन हिस्सों पर तेंदुए के हमले के निशान साफ नजर आ रहे थे। बच्चा जंगल में बेहोशी की हालत में था लेकिन अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई। रेंजर रामकरण मीणा ने बताया कि वासना गांव निवासी डेढ़ वर्षीय कार्तिक की तेंदुए के हमले में मौत हो गयी. वासना गांव सेंचुरी इलाके के काफी करीब है। ऐसे में तेंदुआ पानी या खाने की तलाश में गांव पहुंचा होगा।
जामवारामगढ़ क्षेत्र के रेंज अधिकारी प्रेम शंकर मीणा ने बताया कि आड़ा डूंगर क्षेत्र में तेंदुओं का आना-जाना लगा रहता है. वन विभाग के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण हम तेंदुए को पकड़ नहीं पा रहे हैं. ऐसे में जब तक वन विभाग इस पूरे मामले पर कोई ठोस फैसला नहीं लेगा। तब तक जनता को परेशान होना पड़ सकता है। वहीं, ग्रामीणों में अभी भी भय का माहौल है. ग्रामीणों ने बताया कि इस घटना के बाद से वे घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं. ज्ञात हो कि राजस्थान के वन कर्मचारी अपनी 15 सूत्री मांगों को लेकर 6 फरवरी से कार्य बहिष्कार पर हैं. ऐसे में अब परेशानी बढ़ती जा रही है।
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