राजस्थान

लेटलतीफी आने वालो की खेर नहीं, दफ्तरों में लगेगी बायोमेट्रिक मशीनें

Shantanu Roy
9 July 2023 11:19 AM GMT
लेटलतीफी आने वालो की खेर नहीं, दफ्तरों में लगेगी बायोमेट्रिक मशीनें
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झुंझुनू। झुंझुनूं में सभी स्तर के राजकीय चिकित्सा संस्थानों और कार्यालयों में कार्यरत चिकित्सकों से लेकर अन्य कार्मिकों को अनिवार्य रूप से अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से दर्ज करानी होगी। इस संबंध में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने आदेश जारी किया। इसके तहत सभी चिकित्सकों, नर्सिंग, पैरामेडिकल और अन्य कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक मशीन का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए हैं। CMO डॉ राजकुमार डांगी ने बताया कि सभी संस्थानों निर्देश दे दिए गए हैं। सभी बायोमेट्रिक मशीनों को ठीक करवाएं। जहां मशीनें ठीक नहीं हुई हैं वहां नई मशीनें खरीदने के निर्देश दिए गए हैं। 7 दिन में सभी चिकित्सा संस्थानों व कार्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। जानकारी के अनुसार चिकित्सा संस्थानों में पूर्व में ही बायोमेट्रिक मशीन से ही चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों की उपस्थिति दर्ज करने के साल 2017 से ही जारी हैं।
इसके बावजूद झुंझुनूं मुख्यालय सहित जिले भर में अनेक जगहों पर इस आदेश की पालना पूरी तरह से नहीं किए जाने की शिकायतें सामने आती रही हैं। पूर्व में चिकित्सा विभाग के सभी अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन से हो रही थी, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान इसे बंद कर दिया गया था। अब इसे दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी चिकित्सा संस्थानों में 7 दिन में बायोमेट्रिक मशीन स्थापित करने के आदेश दिए हैं। यह आदेश मिलने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया है। आदेश जारी होने के साथ ही किशनगढ़ के राजकीय यज्ञनारायण जिला अस्पताल में इसकी क्रियान्विति आरंभ कर दी गई है। कोविड से बंद पूर्व में भी चिकित्सकों व कार्मिकों की बायोमेट्रिक से ही उपस्थिति होती थी। कोरोना के बाद इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया था। कोरोना के बाद लोगाें की लगातार आ रही शिकायतों के बाद इस व्यवस्था को पुनः शुरू किया गया है।लेटलतीफी पर अंकुश लगेगा बायोमेट्रिक मशीन व्यवस्था वापस शुरू होने से चिकित्सकों व कार्मिक की लेटलतीफी पर अंकुश लगेगा। कई बार मरीजों की शिकायत सामने आती है कि चिकित्सक व कार्मिक मनमर्जी से आते और जाते हैं। समय से पहले ही अस्पताल से चले जाते हैं। ज्यादातर शिकायतें ग्रामीण क्षेत्र से आती है।
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