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राजपुर। शाहाबाद रेंज क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले उचावद वन क्षेत्र भू-माफियाओं द्वारा हरे पेड़ों की कटाई का सिलसिला बदस्तूर जारी है। भू-माफिया हरे पेडों को धराशाई करने में लगे हुए है। इसकी शिकायत फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारियों को भी कई बार की गई। धीरे-धीरे भूमाफिया कृषि योग्य जमीन बनाने के लिए वन भूमि पर बढ़ते जा रहे हैं। जिससे वन क्षेत्र का घनत्व कम होता जा रहा है। भू-माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इसके चलते भू माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। गांव के लोग ही धीरे-धीरे वन भूमि पर पेड़ों की कटाई कर बढ़ते जा रहे हैं।
फॉरेस्ट की भूमि पर बरसाती फसल भी उचावद गांव के दबंग लोगों ने की थी और अब गेहूं, सरसों की फसल की बुवाई कर दी है। वन भूमि पर ट्यूबवेल कनेक्शन करा कर के अवैध तरीके से कास्त की जा रही है। रानीपुरा डैम पर तालाब की पाल के नीचे वन भूमि पर अवैध तरीके से पत्थरों की चारदीवारी कर हरे पेड़ों को 1 वर्ष पहले नष्ट कर दिया और अब सरसों की फसल की बुबाई कर दी। जिससे सरसों की फसल वन भूमि पर लहरा रही है। उल्लेखनीय बात तो यह है कि सिंचाई विभाग की सरकारी बिल्डिंग को भी भू माफियाओं ने ध्वस्त कर दिया है और उक्त स्थान से बिल्डिंग का नामोनिशान तक मिटा के रख दिया है। वन भूमि क्षेत्र में दबंग लोगों ने कब्जे कर ट्यूबवेल लगाकर और पक्के मकान बना रखे हैं। फॉरेस्ट विभाग द्वारा दबंगों के कब्जे से उच्चावद गांव में वन भूमि को मुक्त नहीं करवाया गया है इससे वन भूमि पर अतिक्रमण का कब्जा साल दर साल कुकुरमुत्ता की तरह बढ़ता जा रहा है। आखिर क्यों विभाग के आला अधिकारियों द्वारा मामले को नजरअंदाज कर ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। भू-माफियाओं के आगे वन विभाग के आला अफसर मूकदर्शक बनकर बौने बने हुए हैं। वहीं फॉरेस्टर भरोसी सहरिया ने बताया कि मामले की पूरी जानकारी लेकर नियमानुसार दोषियों पर कार्यवाही के लिए प्रयास किए जाएगें।
वन भूमि पर हो रहे हरे पेडों की कटाई के मामले की जांच की जाएगी और दोेषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी।
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