बरसात के समय लाखों रुपए खर्च कर की थी सफाई, नालों पर अभी भी लगा है मलबे का ढेर
कोटा न्यूज़: नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से बरसात के समय लाखों रुपए खर्च कर बरसाती नालों की सफाई की गई थी। लेकिन सफाई के बाद निकला मलबा अभी तक भी इन नालों के पास ही जमा है। जमा हुआ कचरा वापस नालों में ही जा रहा है। नगर निगम कोटा दक्षिण के कई नाले अभी भी ऐसे हैं जहां मलबे का ढेर लगा हुआ है । दादाबाड़ी स्थित ज्योति मंदिर के सामने वाले नाले , मोदी कॉलेज के सामने वाले नाले और बसंत बिहार नाले के बाहर मलबे का ढेर लगा हुआ है ।वह मलबा वापस नाले में ही जाकर मिल रहा है । नगर निगम कोटा दक्षिण के पार्षदों का कहना है कि बरसात के समय नगर निगम द्वारा जेसीबी और चैन माउंटेन मशीनों से नालों की सफाई का काम करवाया गया था। जिस पर लाखों रुपए खर्च किए गए। संवेदक द्वारा नालों की सफाई करने के बाद मलबे को बाहर निकाल कर रख दिया गया लेकिन उसके बाद नगर निगम ने उस मलबे को वहां से नहीं हटाया। जिससे छह महीने बाद भी नालों के पास ही मलबे ढेर लगा होने से वापस कचरा नालों में ही गिर रहा है । जिससे जनता के धन की बबार्दी हो रही है ।यह स्थिति सिर्फ कुछ जगह पर ही नहीं है अधिकतर जगह पर यही हाल है।
नगर निगम को इस मलबे की सफाई के संदर्भ में कई बार अवगत कराया जा चुका है । नगर निगम कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने आयुक्त और अतिरिक्त आयुक्त को कई बार मौखिक व लिखित में कहा है कि मलबे के ढेर को साफ करने के लिए टेंडर किए जाएं। लेकिन अधिकारी सुनवाई ही नहीं कर रहे जबकि पार्षदों की शिकायतें आए दिन मिल रही हैं । नगर निगम कोटा दक्षिण की सफाई समिति की गत दिनों हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि नालों पर जमा मलबे के ढेर को हटाने के लिए नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे । सफाई समिति के अध्यक्ष व उपमहापौर पवन मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति के अधिकतर सदस्यों ने नालों पर लगे मलबे के ढेर को तुरंत हटवाने के संबंध में सुझाव दिए थे। उपमहापौर पवन मीणा ने कहा कि अधिकारियों के संदर्भ में निर्देशित किया गया है कि वे शीघ्र ही टेंडर कर मलबे के ढेर को नालों के पास से हटाएं वरना सफाई का कोई महत्व नहीं रह जाएगा । नगर निगम कोटा दक्षिण के अतिरिक्त आयुक्त अंबालाल मीणा का कहना है कि सफाई समिति की बैठक में लिए गए निर्णय की शीघ्र ही पालना की जाएगी।