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धौलपुर। मनरेगा योजना सरकार की ओर से गरीब व मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराकर उन्हें संबल प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी लेकिन इसे भी भ्रष्टाचार का बड़ा जरिया बना लिया गया है। धौलपुर जिले की ग्राम पंचायत फरासपुरा के गांव कमरियन का पुरा में एक मनरेगा मजदूर इन दिनों जेल में बंद है, लेकिन नरेगा कार्य में मेट और सेक्रेटरी ने मिलीभगत से बाकायदा उसकी उपस्थिति दर्ज कर रखी है और उसके नाम से पेमेंट भी कर दिया गया।
जिले की दिहोली थाना पुलिस ने 10 नवंबर को श्याम सिंह पुत्र चोब सिंह ठाकुर निवासी कमरियन का पुरा ग्राम पंचायत फरासपुरा को गिरफ्तार किया था जो कि अवैध चंबल रेता के मामले में फरार चल रहा था। धौलपुर एसपी धर्मेंद्र सिंह की ओर से 500 रुपए का इनाम घोषित था। कोर्ट ने आरोपी को जेल भेज दिया, जो वर्तमान में भी जिला जेल धौलपुर में बंद है। जबकि सरकार के आॅनलाइन पोर्टल पर जो मस्टरोल दर्ज हैं उसमें श्याम सिंह को नरेगा कार्य में 11 नवंबर से 15 नवंबर तक बाकायदा उपस्थित दिखाया गया है। जिसके बदले उसे बाकायदा भुगतान भी किया गया है। जेल में बंद जिस श्याम सिंह को नरेगा कार्य में एससी वर्ग का दिखाया गया है वह हकीकत में जाति से ठाकुर है, जो कि सामान्य वर्ग में आता है।
इस मामले में जब ग्राम पंचायत के सेक्रेटरी हीरालाल से बात की गई तो वे बोले कि ऐसा नहीं हो सकता। इसके बाद उनसे पूछा गया कि ऐसा हुआ है और उसका दस्तावेज हमारे पास है तो उन्होंने कॉल काट दिया। जब उन्हें दोबारा कॉल किया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। इस मामले में धौलपुर जेल के अधीक्षक राम अवतार शर्मा ने बताया कि श्याम सिंह फिलहाल जिला कारागार धौलपुर में बंद है। विकास अधिकारी राकेश सिंघल का कहना है कि ऐसा मामला है तो जांच करवाएंगे। जांच में जो भी तथ्य निकलकर सामने आएंगे उसके हिसाब से आग की कार्रवाई की जाएगी।
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