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उदयपुर। उदयपुर में एक दिन पहले कोर्ट चौराहा स्थित निजी क्षिप्रा लैब से जब्त की गई सरकारी दवाइयों के मामले में लैब डायरेक्टर ब्रजेश विकास भारद्वाज को हाथीपोल थाना पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश किया, जहां से 2 दिन के रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस को प्राथमिक जांच यह पता लगा है कि आरोपी को सरकारी दवाइयां सरकारी नुमाइंदों की ही मिलीभगत से एक व्यक्ति पहुंचाने का काम करता था। पुलिस पूरी जांच के बाद इस मामले का जल्द खुलासा करेगी कि आरोपी ब्रजेश विकास भारद्वाज ने सरकारी दवाइयां कहां से और किसके जरिए खरीदी थी। पुलिस इस अन्य मेडिकल स्टोर और जांच लैब में भी सरकारी दवाइयां सप्लाई होने की संभावना पर जांच में जुटी है।
एमबी अधीक्षक बोले-हॉस्पिटल में इस बैच की डिलिवरी हुई ही नहीं इधर, मामले में संभाग का सबसे बड़ा सरकारी महाराणा भूपाल हॉस्पिटल प्रशासन खुद का बचाव करता दिख रहा है। हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने इस बात से साफ इंकार कर दिया कि जिस बैच की सरकारी दवाइयां निजी क्षिप्रा लैब पर मिली थीं, उन दवाइयों की डिलिवरी उनके ड्रग वेयर हाउस में हुई ही नहीं। दरअसल, सीएमएचओ डॉ शंकर बामणिया ने जो सरकारी दवाइयां जब्त की थी, उनकी एक वायल एमबी हॉस्पिटल जांच के लिए भेजी थी। जहां बैच का मिलान करने पर अधीक्षक ने खुद के यहां उस बैच की दवाइयां होने से इंकार कर दिया।
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