राजस्थान

कुमार सानू बोले- खुद कुछ क्रिएट नहीं करते, इसलिए 30-40 साल में गिने चुने सिंगर बने

SANTOSI TANDI
31 July 2023 6:44 AM GMT
कुमार सानू बोले- खुद कुछ क्रिएट नहीं करते, इसलिए 30-40 साल में गिने चुने सिंगर बने
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30-40 साल में गिने चुने सिंगर बने
रियलिटी शो हो या टैलेंट हंट, इनसे बहुत कम ही लोग पहचान बना पाते हैं। कुछ नाम छोड़ दो तो आज तक कोई भी इंडस्ट्री का बड़ा नाम नहीं बन पाया। टैलेंट हंट से ज्यादा कुछ निकलकर आया नहीं, क्योंकि उसमें पार्टिसिपेट खुद कुछ क्रिएट नहीं करते हैं। हम जैसे सिंगर्स ही ऐसे रहे हैं, जिन्होंने अपनी एक स्टाइल और गाने में कुछ नाया क्रिएट किया है।
ये कहना है सिंगर कुमार सानू का। कुमार सानू जयपुर में डॉक्टर्स सिंगिंग इवेंट इटर्नल वॉइस ऑफ डॉक्टर्स में पहुंचे थे। उनके साथ अलका याग्निक और संगीतकार साजिद वाजिद मौजूद रहे।
उन्होंने कहा- शो में प्रतिभागी हमारा गाना सुनकर उसकी नकल करके उतारते हैं। उनकी आवाज अच्छी होती है, वो सिंगर को कॉपी कर लेते हैं, यह एक गेम की तरह है। इसलिए पिछले 30-40 साल में गिने चुने सिंगर्स बने, लेकिन आए हजारों।
जयपुर में सिंगिंग इवेंट को प्रमोट करने के लिए कुमार सानू और अलका याग्निक आए।
जयपुर में सिंगिंग इवेंट को प्रमोट करने के लिए कुमार सानू और अलका याग्निक आए।
पहले 10 में से 10 गाने अच्छे निकलते थे
कुमार सानू ने कहा- पहले के दौर में 10 में से 10 गाने अच्छे निकलते थे। अब एक-दो अच्छे गाने निकलते हैं। अगर म्यूजिक डायरेक्टर को अच्छा मौका मिले, उसे अलग करने का मौका मिले। वे बेहतर काम दिखा सकता है। हम किस्मत वाले रहे कि हमारे समय में हमें अच्छा म्यूजिक, लिरिक्स और एक्टर्स मिले। साजिद-वाजिद, जतिन ललित, अनु मलिक, नदीम-श्रवण जैसे संगीतकारों ने हमें वह काम करवाया। जो आज कोई नहीं कर सकता।
कु़मार सानू ने कहा- हमें अच्छे म्यूजिक डायरेक्टर्स का साथ मिला।
कु़मार सानू ने कहा- हमें अच्छे म्यूजिक डायरेक्टर्स का साथ मिला।
उन्होंने कहा- मेरे गाने बतौर एक्टर ऋषि कपूर पर सबसे ज्यादा असरदार तरीके से नजर आए। वे ऐसे एक्टर थे, जब परफॉर्म करते थे तो एक्सप्रेशन और आवाज का अंदाज मैच करता था। इसके बाद शाहरुख खान पर गाने फिट बैठे। मेरे आइडल किशोर कुमार रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई छू तक नहीं सकता है।
अलका ने कहा- इंडस्ट्री बदलाव से जुड़ी हुई है, लेकिन आज भी हमारे गाने सुने जाते हैं।
अलका ने कहा- इंडस्ट्री बदलाव से जुड़ी हुई है, लेकिन आज भी हमारे गाने सुने जाते हैं।
लोग हमारे गाने आज भी सुनते हैं, यह खुशी देता है : अलका याग्निक
अलका याग्निक ने कहा- हर चीज का दौर होता है। म्यूजिक में भी दौर आते हैं। एक दौर था, जिसमें हम लता दीदी, किशोर कुमार, रफी के गाने सुनकर बड़े हुए। फिर हमारा दौर आया। अब एक नया दौर आया है। लंबा चलेगा कि नहीं यह वक्त ही बताएगा। हमारे गाने आज तक लोग सुनते हैं। जो हमारे लिए खुशी की बात है। हम किसी को खराब या अच्छा नहीं बता रहे हैं। हम सिर्फ दौर पर बात कर रहे हैं। यह दौर भी है। जहां नया म्यूजिक सामने आ रहा है। हमारे यहां मैलोडी को प्राथमिकता दी जाती थी। बेहतरीन तरीके से गाने लिखे गए और उन्हें कंपोज किया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुमार सानू और अलका की स्पेशल बॉन्डिंग नजर आई।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कुमार सानू और अलका की स्पेशल बॉन्डिंग नजर आई।
अलका ने कहा- हमारे दौर में गाने पहले तैयार होते थे। इसके बाद हमें पता लगता था कि ये फिल्म में किन पर फिल्माए जाएंगे। आज तो सुपरस्टार्स का दौर है, एक्टर्स के नाम के बाद गाने तय होते हैं।
नेपोटिज्म पर बात रखने का मन है
कुमार सानू ने कहा- नेपोटिज्म नाम ही गलत है। क्यों बोला जाता है। मैं कब से सोच रहा था कि इस पर बोलूं। कोई भी माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के लिए क्यों नहीं सोचेगा। यह फिल्म इंडस्ट्री से ही नहीं जुड़ा हुआ है, मेरे सामने यहां जो भी लोग बैठे हैं। वे अपने बच्चों के लिए जरूर सोच रहे हैं। वे अच्छे स्कूल में पढ़ने के लिए भेजना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि बच्चों का भविष्य सुनहरा हो। हम भी चाहते हैं कि हमारे बच्चों का भविष्य चमकता हुआ हो।
मैं कभी नहीं चाहता था कि मेरी बेटी सिंगिंग में आए। आज वह खुद फिल्में साइन कर रही है। उसके बाद मुझे बता रही है। मैंने हालांकि उसके लिए किसी को सिफारिश नहीं की। अगर मैं करता भी हूं तो उसमें कोई बुराई नहीं होनी चाहिए।
इस पर साजिद ने कहा- अपने बच्चे से टैलेंट पड़ोसी के बच्चे में हो तो उसे प्रमोट करना चाहिए। इस पर सानू ने कहा- ऐसा कोई पेरेंट्स नहीं करता है। जो पड़ोसी के बच्चे को आगे बढ़ाएगा। अपने बच्चे को पीछे धकेलकर। एक सुपरस्टार अपने बच्चे के लिए काम करता है, तो उसमें कोई बुराई नहीं होनी चाहिए।
तीनों स्टार्स ने नेपोटिज्म पर भी बात की और अपनी राय रखी।
तीनों स्टार्स ने नेपोटिज्म पर भी बात की और अपनी राय रखी।
अलका ने इस पर कहा- यह हमारे फील्ड का ही सब्जेक्ट नहीं है। आप ही बताइए, डॉक्टर नहीं चाहते क्या कि उनका बेटा डॉक्टर बने। हर कोई अपने बच्चे को डॉक्टर-इंजीनियर बनाना चाहता है। यह नेपोटिज्म थोड़े ही हुआ। यह चॉइस का सब्जेक्ट है। इसमें टैलेंट ही अपनी पहचान बनता है।
अलका ने कहा- मैंने सुना है कि डॉक्टर्स अच्छा गा रहे हैं। यही सुनने आए हैं कि किस हद तक अच्छा गा रहे हैं। डॉक्टर्स लोगों की जान बचाते हैं। वे ये भी जानते हैं कि म्यूजिक भी एक तरह का इलाज है। डॉक्टर्स भी सुकून तलाशने के लिए म्यूजिक पर ही निर्भर हैं।
साजिद ने कहा कि वाजिद मेरे से कभी दूर नहीं हुआ है।
साजिद ने कहा कि वाजिद मेरे से कभी दूर नहीं हुआ है।
वाजिद मेरे इर्द गिर्द ही, मैंने सरनेम बदलकर साजिद वाजिद कर लिया
म्यूजिक डायरेक्टर साजिद वाजिद ने कहा- मुझे पता है कि वाजिद मुझसे दूर हो गया है। उसकी कमी मुझे उसके जाने वाले दिन ही महसूस हो गई। आज भी मैं वाजिद को अपने इर्द गिर्द ही महसूस करता हूं। पहले राइटिंग मेरा पार्ट नहीं होता था। चटपटे, आइटम सॉन्ग ही बनाता था, लेकिन अब राइटिंग पर भी काफी ध्यान देने लगा हूं। मैलोडी पर काफी ध्यान देता हूं, अपने आप वाजिद की चीज मुझ में आ रही है।
मैंने अपना सरनेम बदल कर वाजिद कर लिया। वाजिद के जाने के बाद बहुत कुछ बदल गया है, हमने एक क्लास फिल्में की थी, बड़े-बड़े एक्टर, प्रोड्यूसर्स की। आज उसके जाने के बाद बहुत लोगों ने हमारा साथ छोड़ दिया, लेकिन मैं रुका नहीं, रोज नए गाने क्रिएट कर रहा हूं, नई चीज बना रहा हूं।
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