राजस्थान

Kotputli Borewell: 170 फीट की गहराई में सुरंग खोदने के लिए 8 जवानों को तैयार

Usha dhiwar
28 Dec 2024 10:16 AM GMT
Kotputli Borewell: 170 फीट की गहराई में सुरंग खोदने के लिए 8 जवानों को तैयार
x

Rajasthan राजस्थान: कोटपूतली में तीन साल की मासूम चेतना को बोरवेल से निकालने के लिए प्रशासन के अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें 6 दिन से जुटी हैं। अब टीम 170 फीट की गहराई पर 10 फीट की क्षैतिज सुरंग बनाने में जुटी है। हालांकि बारिश के कारण रेस्क्यू में देरी भी हुई है। तीन साल की मासूम करीब 122 घंटे से भूखी-प्यासी है। इतना ही नहीं वह चार दिन से कोई हरकत भी नहीं कर रही है। शुक्रवार को बारिश के कारण कई बार रेस्क्यू रोका गया। शनिवार सुबह एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। पहली केसिंग में आखिरी लाइनर पाइप लगाए गए। इसके बाद एनडीआरएफ के 2 जवान 170 फीट की गहराई तक उतरे, जो सुरंग बनाने में जुटे हैं। जिला कलेक्टर कल्पना अग्रवाल ने बताया कि यह राजस्थान का सबसे कठिन ऑपरेशन है।

170 फीट की गहराई पर 10 फीट की सुरंग खोदने के लिए 8 जवानों को तैयार किया गया है, जो दो-दो के बैच में गहराई तक उतरकर खुदाई करेंगे। जवानों की सुरक्षा के लिए ऑक्सीजन की भी व्यवस्था की गई है। बारिश के चलते मौके पर वाटर प्रूफ टेंट लगाया गया था, लेकिन लगातार बारिश के कारण यह कारगर नहीं रहा। बारिश शुरू होने से पहले दूसरे बोरवेल में सिर्फ एक पाइप डालना बाकी था। उसके बाद सुरंग बनाने का काम शुरू होना था। लेकिन बारिश के कारण पूरे दिन एक भी पाइप नहीं डाला जा सका। प्लान ए के बाद प्लान बी शुरू होने में देरी ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। लोगों का कहना है कि अगर प्लान ए के साथ ही प्लान बी भी शुरू कर दिया जाता तो बच्ची को बाहर निकालने में समय नहीं लगता। 6 दिन से बच्ची के बोरवेल से बाहर नहीं आने से परिजनों के साथ ही आमजन में भी चिंता बढ़ गई है। जिला कलक्टर कल्पना अग्रवाल व पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने मौके पर अभियान की प्रगति की जानकारी ली।
इससे पहले जिला कलक्टर ने सुबह बारिश के दौरान टेंट में बैठकर अभियान में आ रही बाधाओं व उन्हें दूर करने के उपायों पर अधिकारियों से चर्चा की। सांसद राव राजेंद्र सिंह व विधायक हंसराज पटेल ने भी मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। बोरवेल में 150 फीट के बाद पथरीली जमीन होने के कारण जमीन काटने में सुबह से शाम तक का समय लग गया। पाइप बिछाने के लिए 55 टन क्षमता की हाइड्रोलिक मशीन बुलाई गई। लेकिन उतारे जाने वाले पाइप का वजन 55 टन से अधिक होने के कारण 100 टन क्षमता की दूसरी मशीन बुलाई गई। दूसरी मशीन ने पाइप बिछाने का काम शुरू किया। लेकिन एक पाइप बचने पर पाइप को जोड़ने के लिए किया जा रहा वेल्डिंग का काम बारिश के कारण बाधित हो गया। हालांकि शनिवार को यह काम पूरा होने के बाद अब सुरंग खोदने का काम शुरू हो गया है। सुरंग बनाने के बाद टीम के सदस्य बच्ची को बाहर निकालेंगे।
Next Story