मेडिकल के क्षेत्र में कोटा को है बजट से बहुत कुछ मिलने की उम्मीद
कोटा: राज्य सरकार द्वारा अगले महीने बजट पेश किया जाना है। जिसमें सरकार की ओर से तो हर क्षेत्र के लिए घोषणाएं की जाएंगी। लेकिन कोटा में मेडिकल क्षेत्र को भी सरकार से कई उम्मीदें हैं। जिनमें क्लीनिकल साइक्लॉजी विभाग शुरू करने की मांग प्रमुख है। केन्दर व राज्य सरकार द्वारा आगामी वित्त वर्ष 2023-24 का बजट शीघ्र ही पेश किया जाना है। इसके लिए सरकार की ओर से विभिन्न संगठनों के साथ प्रो बजट बैठकें कर उनके सुझाव तो लिए ही जा रहे हैं। वहीं कई सरकारी विभागों से उनकी आवश्यकता के प्रस्ताव भी लिखित में मंगवाए जा रहे हैं। कई विभागों ने तो प्रस्ताव भेज भी दिए हैं। सरकार की ओर से पिछले बजट में भी कोटा को बहुत कुछ दिया गया था। उसी आधार पर इस बार भी मेडिकल विभाग को सरकार से उम्मीद है।
एमफिल की डिग्री मिल सकेगी
कोटा में क्लीनिकल साइक्लोजी विभाग नहीं है। ऐसे में चिकित्सा विभाग की ओर से सरकार को इस विभाग को कोटा में खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। इस विभाग के खुलने से एमफिल की डिग्री दी जा सकेगी। साथ ही कई नए कोर्स भी शुरू हो सकेंगे।
कोचिंग संस्थानों की जरूरतें होगी पूरी
कोटा शिक्षा नगरी है। यहां देशभर से लाखों बच्चे मेडिकल व इंजीनियरिंग की कोचिंग करने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में कोचिंग संस्थानों को बच्चों में तनाव कम करने के लिए साइक्लोजिस्ट की जरूरत रहती है। इस विभाग के खुलने से कोचिंग संस्थानों के लिए साइक्लोजिस्ट मिल सकेंगे।
कार्डियो फोरेंसिक सर्जरी की मशीन का प्रस्ताव
कोटा में मेडिकल की सुविधाएं तो लगातार बढ़ रही हैं लेकिन कुछ कमियां भी हैं। उनमें से एक कार्डियों फोरेंसिक सर्जरी मशीन की कमी है। जिसके चलते यहां काड़ियों की पूरी सर्जरी नहीं हो पा रही है। इसके अभाव में लोगों को उपचार के लिए कोटासे बाहर जाना पड़ रहा है। उस कमी को दूर करने के लिए चिकि त्सा विभाग को कार्डियों फोरेसिक सर्जरी मशीन की आवश्यकता है। यह मशीन महंगी होने से चिकित्सा विभाग ने इसकी बजट में घोषणा का प्रस्ताव सरकार को भेजा है।
जिला अस्पताल ने नहीं लिया मूर्त रूप
राज्य सरकार ने पिछले साल बजट में कोटा को नदी पार क्षेत्र में एक नया जिला अस्पताल खोलने की घोषणा की थी। उसके लिए थर्मल कॉलोनी के सामने सकतपुरा में जगह भी चिनिहत कर उसका आवंटन किया जा चुका है। बजट भी स्वीकृत हो गया है। लेकिन एक साल पूरा होने वाला है। अभी तक जिला अस्पताल मूर्त रूप नहीं ले सका है। कोटा वासियों को उसके शीघ्र पूरा होने का इंतजार है।
सरकार ने पिछले साल भी कोटा में मेडिकल के क्षेत्र में बहुत कुछ दिया था। इस बार अगले बजट में मेडिकल सुविधाओं में विस्तार के लिए प्रस्ताव भेजे हैं। सरकार पर निर्भर करेगा कि उनमें से कितने प्रस्तावों को बजट में शामिल किया जाता है। एमबीएस अस्पताल के लिए एमआरआई मशीन का बजट तो स्वीकृत हो चुका है। शीघ्र ही मशीन लगाने की भी व्यवस्था की जाएगी। जिला अस्पताल का काम प्रक्रियाधीन है।
- डॉ. विजय सरदाना, प्राचार्य मेडिकल कॉलेज कोटा