राजस्थान

कोटा को दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए नहीं मिली बाइक दमकल

Admin Delhi 1
31 Oct 2022 1:54 PM GMT
कोटा को दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए नहीं मिली बाइक दमकल
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कोटा न्यूज़: शहर के विकास व विस्तार के साथ बहुमंजिला इमारतों का निर्माण तो हो रहा है। लेकिन अभी भी पुराने शहर में गलियां तंग व रास्ते संंकरे ही है। ऐसे में इन क्षेत्रों में आग जनित दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बरसों से बाइक दमकल की आवश्यकता महसूस की जा रही है। लेकिन अभी तक भी कोटा के लिए इसका इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। आबादी बढ़ने के साथ ही शहर का विकास व विस्तार हो रहा है। जिससे नए-नए क्षेत्र विकसित हो रहे हैं और बहुमंजिला इमारतें बन रही हैं। लेकिन इनके साथ ही शहर में अभी भी बहुत बड़ा क्षेत्र ऐसा है जो काफी पुराना है। जिसमें रास्ते व गलिया इतनी संकरी व तंग हैं कि वहां बड़े वाहन आसानी से नहीं जा सकते हैं। यहां तक कि चार पहिया वाहन लोगों ने ले तो लिए हैं लेकिन उन्हें अपने घर तक भी नहीं ले जा सकते। खास तौर पर दिन के समय। जिस समय बाजारों में भीड़ अधिक रहती है। ऐसे में पुराने शहर के किसी भी इलाके में आग जतिन दुर्घटना होने पर उसे बुझाने के लिए दमकलों का पहुंचना संभव ही नहीं हो पाता है। ऐसे में अग्निशमन विभाग की हालत यह है कि बरसों बाद भी कोटा को अभी तक छोटी बाइक दमकलें तक नहीं मिल सकी है। कोटा में पहले जहां मात्र एक ही फायर स्टेशन पुरानी सब्जीमंडी में होता था। वहीं वर्तमान में चार फायर स्टेशन हैं। दूसरा श्रीनाथपुरम् में, तीसरा भामाशाहमंडी में और चौथा रानपुर में हाल ही में बनकर तैयार हुआ है। हालांकि नदी पार और पटरी पार क्षेत्रों में भी फायर स्टेशन बनाने की योजना है। जिनके लिए जगह की तलाश की जा रही है।

चार बाइक दमकलों का भेजा प्रस्ताव: टा में पहले जहां एक ही नगर निगम था वहीं अब कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण निगम बन गए है। कोटा में तंग गलियों में ओग बुझाने के लिए जीप व बाइक दमकलों की लम्बे समय से मांग की जा रही है। जिनमें से जीप दमकलें तो मिल चुकी हैं। लेकिन बाइक दमकलें अभी तक नहीं मिली हैं। तत्कालीन सीएफओ संजय शर्मा भी इसकी मांग चुके हैं। वहीं वर्तमान में पद स्थापित दोनों निगमों के सीएफओ भी राज्य सरकार को चार बाइक दमकलों का प्रस्ताव भेज चुके हैं। लेकिन अभी तक भी कोटा को बाइक दमकलें नहीं मिली हैं।

हाइड्रोलिक दमकल की जरूरत कम, फिर भी खरीदी: नगर निगम के अग्निशमन विभाग में पहले जहां दमकलों की कमी थी। वहीं अब दमकलों की कमी तो नहीं है। हालत यह है कि बहुमंजिला इमारतों में आग बुझाने के लिए हाईड्रोलिक लेडर दमकल की उतनी आवश्यकता नहीं है जितनी बाइक दमकल की। लेकिन उसके बाद भी पूर्व में 40 मीटर ऊंचाई वाली हाईड्रोलिक दमकल खरीदी गई थी। वह पिछले दस साल से खड़ी हुई है। 6 करोड़ की उस दमकल का आग बुझाने में उपयोग ही नहीं हुआ। वहीं अब इससे भी बड़ी 60 मीटर ऊंचाई वाली इमारतों में आग बुझाने के लिए 12 करोड़ की लागत वालीे एक और हाईड्रोलिक दमकल राज्य सरकार द्वारा कोटा को भेजी जा रही है। फिनलैंड से वह दमकल जयपुर तक तो पहुंच चुकी है। लेकिन उसे अभी तक कोटा नहीं लाया गया है।

इन क्षेत्रों के लिए है सबसे अधिक जरूरत: वैसे तो नए कोटा क्षेत्र का जिस तरह से विकास हो रहा है वहां सड़कों की चौड़ाई पर्याप्त है। जिससे वहां बड़ी-बड़ी दमकलें तक आसानी से निकल सकती हैं। लेकिन पुराने शहर के पाटनपोल, घंटाघर, मकबरा, चंद्रघटा, हिरण बाजार, चौथमाता बाजार, बजाज खाना, भट्टजी घाट, शिवदास घाट की गली समेत कई इलाके ऐसे हैं जहां अभी भी चार पहिया वाहन आसानी से नहीं निकल सकते हैं। ऐसे में इन क्षेत्रों में आग लगने की बड़ी घटना होने पर वहां दमकलों का पहुंचना संभव नहीं है। पूर्व में कई साल पहले घंटाघर क्षेत्र में एक पुराने मकान में आग लगने की घटना हो गई थी। उस समय वहां सब्जीमंडी अग्निशमन केन्द्र से दमकल भेज तो दी लेकिन वह मौके तक नहीं पहुंच सकी। दमकल को दूर खड़ा कर पाइप को मौके तक पहुंचाने का प्रयास किया लेकिन फिर भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

दोनों निगमों में 38 दमकलें: नगर निगम कोटा के अग्निशमन विभाग में छोटी-बड़ी 38 दमकलें हैं। दो निगम बनने के बाद उनका बंटवारा आधा-आधा हो गया है। ऐसे में दोनों निगमों में 19-19 दमकलें हो गई हैं। साथ ही 40-40 फायरमेन हैं और 35-35 सिविल डिफेंस के स्वयं सेवक भी फायरमेन का काम कर रहे हैं। निगम के अग्निशमन विभाग में 18 सौ लीटर से 3 हजार लीटर, 45 सौ से लेकर 14 हजार लीटर क्षमता तक की दमकलें व टैंकर हैं। लेकिन बाइक दमकलें अभी तक भी नहीं मिली हैं।

कोटा के अग्निशमन विभाग में वर्तमान में दमकलों समेत संसाधनों की कोई कमी नहीं है। फायरमैन व उपकरण भी पर्याप्त संख्या में है। लेकिन बाइक दमकलों की आवश्यकता है। वह अभी तक भी नहीं मिली है। यदि बाइक दमकलें मिल जाएं तो तंग गलियों में भी आग जनित दुर्घटनाओं को रोकना आसान होगा।

- राकेश व्यास, सीएफओ, नगर निगम कोटा उत्तर

कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण निगम बनने के बाद संसाधनों की कोई कमी नहीं है। दोनों फायर अनुभागों के पास बराबर-बराबर संसाधन हैं। फायरमेन भी पर्याप्त है। हाइड्रोलिक दमकल जयपुर पहुंच गई है लेकिन कोटा नहीं आई है। कोटा की जरूरत को ध्यान में रखते हुए चार बाइक दमकलों का प्रस्ताव काफी समय पहले ही डीएलबी को भेजा हुआ है। लेकिन अभी तक वहां से ये प्राप्त नहीं हुई है।

- दीपक राजौरा, सीएफओ, नगर निगम कोटा दक्षिण

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