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राजस्थान के कोच हब कोटा में लगातार हो रहीं आत्महत्याओं की घटनाओं ने लोगों को ही नहीं सरकार को भी चिंता में डाल दिया है। इस साल अब तक (आठ महीने 20 दिन में) 24 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या कर ली। अपने बच्चों को खोने वाले परिजन इन आत्महत्याओं की वजह पढ़ाई को लेकर कोचिंग संस्थानों के दबाव को बता रहे हैं। वहीं, कुछ जनप्रतिनिध और जिम्मेदार प्रेम प्रंसग के मामले से जोड़ रहे हैं।
दो दिन पहले 18 सितंबर को कोटा के विज्ञानगर में एक 16 साल की छात्रा ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। इस आत्महत्या की कहानी भी उलझी हुई है। पुलिस की जांच में सामने आया है कि छात्रा ने जहर खाने के बाद एक दोस्त को मैसेज कर कहा था कि 'उसने मुझे छोड़ दिया अब जीकर क्या करूंगी', यानी प्रेम प्रसंग के चलते आत्महत्या की बात सामने आई है। पुलिस इसी एंगल से मामले की जांच कर रही है।
वहीं, उत्तर प्रदेश के मऊ में रहने वाली छात्रा के पिता ने एक कोचिंग संस्थान के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि बेटी ने पढ़ाई के दबाव में आकर खुदकुशी की है। वहीं, पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद ही साफ तौर पर कुछ कहा जा सकता है।
कोटा में हुई आत्महत्या का ये काई पहला मामला नहीं है। 14 जनवरी के बाद से शुरू हुआ ये सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक सिर्फ फरवरी का महीना ऐसा है रहा कि इस दौरान किसी भी छात्र ने आत्महत्या नहीं की। अगस्त में सबसे ज्यादा छह बच्चों ने आत्महत्या की थी। सितंबर में अब तक दो बच्चे आत्महत्या कर चुके हैं।
मंत्री धारीवाल बोले- कोटा में सुसाइड की वजह लव अफेयर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बीते दिनों नए कोटा में सिटी पार्क के लोकार्पण कार्यक्रम में मंत्री शांति धारीवाल ने कहा था- यहां करीब हर साल ढाई लाख बच्चे पढ़ने आते हैं। आए दिन हमें सुसाइड के बारे में सुनने को मिलता है। 13 सितंबर को एक लड़की ने आत्महत्या की है। इसका कारण ये था कि उसने जो लेटर छोड़ा, वो अफेयर के कारण छोड़ा। यहां जितने भी सुसाइड हुए हैं उन पर स्टडी करने की जरूरत है कि ऐसा क्यों हो रहा है।
कोटा में दिल दहला देने वाले मामले, जानें बच्चों ने क्यों उठाया खौफनाक कदम
उत्तर प्रदेश के रहने वाले अली राजा ने 14 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी। वह कोटा में रहकर जेईई की तैयारी कर रहा था। सुसाइड करने से करीब एक महीने पहले से उसने कोचिंग जाना छोड़ दिया था। जांच में पढ़ाई को लेकर हुए तनाव के चलते आत्महत्या की बात सामने आई थी।
15 जनवरी कोटा के कुन्हाड़ी इलाके में रहकर पढ़ाई करने वाले रणजीत (22) ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले रणजीत ने फांसी लगाने से पहले एक सुसाइड छोड़ा था। जिसमें उसने लिखा था- मैं विष्णु का अंश हूं, भगवान से मिलने जा रहा हूं। इसी तरह 29 जनवरी को विज्ञान नगर इलाके में एक छात्र हॉस्टल की चौथी मंजिल की बालकनी से नीचे कूद गया था।
फरवरी में दो बच्चों ने की खुदकुशी
8 फरवरी को कोटा के कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में एक छात्रा ने मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की 10वीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर ली थी। 17 साल की कृष्णा बाड़मेर की रहने वाली थी। वह कोटा में रहकर तैयारी कर रही थी। जांच में सामने आया था कि वह पढ़ाई के कारण तनाव में थी।
24 फरवरी को यूपी के बदायूं का रहने वाले अभिषेक (17) ने फांसी लगाकर जांच दे दी थी। अभिषेक दो साल से कोटा में रह रहकर एक कोचिंग इंस्टीट्यूट से नीट की तैयारी कर रहा था। आत्महत्या से कुछ दिन पहले उसने कोचिंग जाना बंद कर दिया था और हॉस्टल में रहकर ऑनलाइन क्लास ले रहा था।
हॉस्टल के करने में फांसी लगाकर की खुदकुशी
26 अप्रैल को कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र में एक छात्रा ने आत्महत्या कर ली थी। 19 साल की राशि जैन ने हॉस्टल के कमने में फांसी लगाकर जान दे दी थी। राशि मध्य प्रदेश के सागर जिले की रहने वाली थी। वह एक साल से यहां रहकर नीट की तैयारी कर रही थी। जांच में सामने आया था कि वह बीमार रहती थी और मानसिक तनाव से भी जूझ रही थी।
मई में चार बच्चों ने की आत्महत्या
8 मई को विज्ञान नगर थाना इलाके की एक मल्टी स्टोरी बिल्डिंग से कूदकर एक छात्र ने जान दे दी। 22 साल का छात्र नासिर बेंगलुरु का रहने वाला था। आत्महत्या से एक दिन पहले वह जयपुर में नीट का एग्जाम देकर आया था जो सही नहीं हुआ था। इसके चलते वह तनाव में था।
11 मई को कुन्हाड़ी थाना इलाके में रहने वाले 15 साल के धनेश कुमार ने हॉस्टल में में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। धनेश 11वीं क्लास में पढ़ता था और नीट की तैयारी कर रहा था। उसके पढ़ाई को लेकर तनाव में होने की बात सामने आई थी।
12 मई को बिहार के पटना के रहने वाले नवलेश (17) ने कुन्हाड़ी थाना इलाके के एक हॉस्टल में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था। नवलेश 12वीं की पढ़ाई के साथ नीट की तैयारी कर रहा था। सुसाइड से पहले उसने एक नोट छोड़ा था। जिसमें लिखा था- सॉरी पापा, मेरी पढ़ाई के लिए आपने बहुत कोशिश की, लेकिन मेरे से नहीं हो पाया।
24 मई को बिहार के नांलदा के रहने वाले आर्यन (16) ने कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र के एक हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आर्यन 12वीं के साथ-साथ नीट की तैयारी कर रहा था। पुलिस ने उसके कमरे से कुछ नोट्स बरामद किए थे जिनमें कुछ जगहों पर किसी लड़की का जिक्र था। साथ ही पढ़ाई को लेकर भी तनाव की बात सामने आई थी।
जून में पांच बच्चों ने खुद के लिए चुनी मौत
7 जून को पश्चिम बंगाल के कुरोलिया के रहने वाले 18 साल के परितोष कोहिरी की संदिग्ध मौत हो गई। वह कोटा के महावीर नगर द्वितीय इलाके में रहता था।
12 जून को महाराष्ट्र के रहने वाले भार्गव केशव (17) ने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी थी। भार्गव जवाहरनगर थाना इलाके में इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। परिजनों के मिलने आने पर उसने पढ़ाई को लेकर तनाव होने की बात कही थी।
16 जून को बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले 21 साल के रोशन ने आत्महत्या कर ली थी। उसने नीट का एग्जाम दिया था, जिसमें वह फेल हो गया था। दिल्ली में रिश्तेदारों से मिलकर लौटने के अलगे दिन उसने फांसी लगा ली थी।
27 जून को उदयपुर के सलूंबर के रहने वाले 19 साल के मेहुल वैष्णव ने फांसी लगा ली थी। वह नीट की कोचिंग करने के लिए दो महीने पहले ही कोटा आया था। विज्ञाननगर थाना इलाके के एक हॉस्टल में रहता था।
27 जून को उत्तर प्रदेश के जोनपुर के रहने वाले आदित्य (17) ने अपने कमरे में फांसी लगा ली थी। शहर के विज्ञाननगर थाना क्षेत्र में रहने वाला आदित्य नीट की तैयारी कर रहा था। सुसाइड से पहले छोड़े नोट में उसने पढ़ाई को लेकर तनाव होने की बात लिखी थी।
दो महीने बाद ही फांसी लगाकर दी जान
8 जुलाई को उत्तर प्रदेश के रामपुर के रहने वाले 17 साल के बहादुर सिंह फांसी लगा ली थी। बहादुर दो महीने पहले कोटा आया था और महावीर नगर इलाके में रहकर निजी कोचिंग से आईआईटी की तैयारी कर रहा था। छात्र बीमारा रहता था, साथ कोचिंग में उसे परेशान करने के आरोप भी लगाए गए थे।
अगस्त में सबसे ज्यादा छह मामले
3 अगस्त को यूपी के रामपुर जिले के रहने वाले 18 साल के मंजोत छाबड़ा का शव हॉस्टल के रूम में संदिग्ध हालात में मिला था। उसके मुंह पॉलीथिन और दोनों हाथ रस्सी से बंधे थे। वह 4 महीने पहले नीट की तैयारी करने कोटा आया था। परिजनों ने उसकी हत्या की आशंका जताई थी। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई खुलासा नही किया गया है।
4 अगस्त को बिहार के मोतीहार के रहने वाले 17 साल के भार्गव मिश्रा ने आत्महत्या कर ली थी। उसने पानी भरने वाले पाइप से फांसी लगा ली थी। जेईई की तैयारी करने के लिए भार्गव 4 महीने पहले कोटा आया था।
10 अगस्त को यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले 17 साल के मनीष प्रजापति ने हॉस्टल में फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया। जेईई की तैयारी करने मनीष 6 महीने पहले कोटा आया था। सुसाइड से कुछ घंटे पहले उसके पिता उससे मिलकर गए थे। पढ़ाई में सही नहीं होने और टेस्ट में पिछड़ने के कारण पिता ने उसकी डांट लगाई थी, जिसके बाद उसने फांसी लगा ली।
16 अगस्त को बिहार निवासी 18 साल के वाल्मीकि प्रसाद जांगिड़ ने कमरे की खिड़की से लटक कर सुसाइड किया था। आत्महत्या के पीछे पढ़ाई को लेकर हो रहा तनाव बताया गया था।
28 अगस्त को बिहार का रहने वाला आदर्श एग्जाम देकर लौटा था। उसी दिन उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसी दिन महाराष्ट्र के रहने वाले अविष्कार संभाजी ने आत्महत्या कर ली थी। टेस्ट देने के बाद वह कोचिंग की छठी मंजिल से कूद गया था।
इस महीने में दो छात्राओं ने की खुदकुशी
13 सिंतबर को रांची की रहने वाली रिचा ने अपने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह डकनिया रोड नंबर एक पर स्थित हॉस्टल में रहती थी। रिचा के सुसाइड नोट में प्रेम प्रंसग की जानकारी सामने आई है। हालांकि, उसके पिता ने इस बात से साफ इनकार किया है। उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर किसी के पास सबूत है तो मुझे दे। उन्होंने पढ़ाई को लेकर तनाव की बात कही है। वहीं, 18 सिंतबर को मऊ की रहने वाली एक छात्रा ने जहर खाकर जान दे दी। इस मामले का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है। प्रेम प्रसंग और पढ़ाई के लेकर दबाव की बात सामने आई है।
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