राजस्थान

कोटा: सरकारी उदासीनता की चक्की में पिस रहा अन्नदाता

Gulabi Jagat
12 Oct 2022 12:49 PM GMT
कोटा: सरकारी उदासीनता की चक्की में पिस रहा अन्नदाता
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कोटा। भामाशाहमंडी में मूंग की फसल एक अक्टूबर से आनी शुरू हो चुकी है। मंडी में दाम कम मिलने से किसानों को नुकसान हो रहा है। समर्थन मूल्य पर खरीद नहीं होने के कारण मूंग को कम दाम में बेचना पड़ रहा है। सरकारी खरीद में विलंब होने के कारण किसान बाजार में मूंग की बिक्री कर रहे हैं जिससे उन्हें 2000 से 2500 रुपए प्रति क्विंटल तक आर्थिक नुकसान हो रहा है। इन दिनों में भामाशाहमंडी में मूंग का भाव 5000 से 6300 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहा है जबकि सरकार ने इस बार मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य 7755 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया है। सरकार ने समर्थन मूल्य तो घोषित कर दिया है, लेकिन खरीद केन्द्र शुरू नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। जिले में इस बार करीब एक हजार हैक्टेयर में मूंग की फसल की गई है। अच्छी बारिश के कारण मूंग का उत्पादन व गुणवत्ता अच्छी है।
सरकार ने बढ़ाया समर्थन मूल्य
केन्द्र सरकार ने इस बार मूंग का समर्थन मूल्य में 480 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा कर 7775 रुपए प्रति क्विंटल किया है। पिछले वर्ष मूंग का समर्थन मूल्य 7275 रुपए प्रति क्विंटल था। किसानों का कहना है कि सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य काफी समय पहले घोषित कर दिया था। इसके बावजूद अभी तक खरीद के लिए केन्द्र ही नहीं बनाए हैं। इस कारण किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
भामाशाहमंडी में आ रही डेढ़ सौ बोरी
जिले में सोयाबीन की फसल का उत्पादन अधिक होता है। इसके बावजूद कई किसान अच्छे भाव मिलने के कारण उड़द के साथ मूंग की फसल भी करते हैं। इस बार मूंग का उत्पादन अच्छा होने के कारण भामाशाहमंडी में एक अक्टूबर से मूंग की आवक होने लग गई थी। मंडी के प्रमुख व्यापारी महेश खंडेलवाल ने बताया कि वर्तमान में मूंग की 150 बोरी की आवक हो रही है। यहां पर इसके दाम 5000 से 6300 रुपए प्रति क्विंटल के बीच बोले जा रहे हैं। फसल की गुणवत्ता के हिसाब से दाम कम-ज्यादा होते रहते हैं। अभी तक यहां पर खरीद केन्द्र शुरू नहीं किया गया है।
जिले में मूंग की फसल कम ही किसान करते हैं। इस बार उसने दस बीघा में मूंग की फसल की है। गुणवत्ता भी अच्छी है, लेकिन अभी तक यहां पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू नहीं हो पाई है। दीपावली का त्योहार आने वाला है। इसलिए वह अपनी फसल को अच्छे दाम में बेचना चाहता है, लेकिन मंडी में कम ही दाम मिल रहे हैं। वह भी खरीद केन्द्र शुरू होने का इंतजार कर रहा है।
-लक्ष्मीचंद धाकड़, किसान अयानी
मूंग फसल का उत्पादन व गुणवत्ता अच्छी है। मूंग की सरकारी खरीद के लिए शीघ्र ही केंद्र बनाए जाएंगे। इसके लिए किसान को ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा।
-रणवीर कुमार, कार्यालय प्रभारी राजफैडे
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