
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
28 जुलाई 2015 को हुआ यह हत्याकांड धौलपुर ही नहीं पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया था। मृतक की शर्ट पर लगे एक टेलर के स्टीकर ने पुलिस को उसके परिजन और आरोपियों तक पहुंचाया था। इस मामले में कोर्ट में 41 गवाह और 153 दस्तावेज पेश किए थे।
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में 2015 में दंपती और उनके चार बच्चों की दर्दनाक तरीके से हत्या करने के मामले में दो हत्यारों को फांसी की सजा दी गई है। एडीजे कोर्ट ने दोनों हत्यारों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस मामले में शनिवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते अपनी टिप्पणी में कहा कि चार बच्चों और दंपती की नृशंस हत्या करने के बाद भी दोनों अभियुक्तों उसका पश्चाताप नहीं है। यह व्यक्तिगत अपराध नहीं है, बल्कि अभियुक्त समाज के लिए खतरा हैं। बता दें कि सात साल से चल रहे इस केस में पुलिस ने 41 गवाह और 153 सबूत के दस्तावेज पेश किए थे। जिनके आधार पर दोनों हत्यारों को सजा दी गई है।
जानकारी के अनुसार 28 जुलाई 2015 को मांडल थाना पुलिस को हीराजी का खेड़ा में निंबाहेड़ा के रहने वाले युनुस उसकी पत्नी चांदतारा का खून से लतपथ शव पड़ा हुआ मिला था। बेरा चौराहे चार बच्चों अशरफ (10), गुडिया (7), आशिदा (4) और शकीना (2) के गर्दन कटे हुए शव भी मिले थे। ये चारों बच्चे मृतक दंपति के ही थे। एक साथ छह लोगों की निर्मम हत्या ने भीलवाड़ा ही नहीं पूरे प्रदेश में दहशत फैला दी थी। मामले की जांच करते हुए पुलिस ने शराफत खान निंबाहेड़ा निवासी और नीमच के रहने वाले राजेश खटीक को गिरफ्तार किया था। शनिवार को कोर्ट ने केस का फैसाला सुनाते हुए दोनों को फांसी की सजा सुना दी।
शराफत खान की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उससे पूछताछ की तो चौंकाने वाली बात सामने आई। शराफत ने बताया कि मृतका चांदतारा के उसके पिता सलीम खान के साथ अवैध संबंध थे। इसे लेकर शराफत काफी परेशान था, लेकिन वह अपने पिता से इस बारे में कुछ नहीं कह पा रहा था और चांदतारा के खिलाफ उसके मन में नफरत बढ़ती जा रही थी। ऐसे में शराफत ने चांदतारा और उसके परिवार की हत्या करने का प्लान बनाया। जिसमें उसने अपने राखी भाई राजेश खटीक को भी शामिल कर लिया था।
हत्या की योजना के अनुसार शराफत और राजेश 27 जुलाई 2015 की रात चांदतारा उसके पति और चार बच्चों को जियारत के बहाने अपने साथ कार में ले गया। रास्ते में अजमेर हाईवे पर हीराजी का खेड़ा के सुनसान इलाके में शराफत और राजेश ने तलवार से वार कर चांदतारा और उसके पति यूनुस की हत्या कर दी। दोनों ने दंपति के शवों को वहीं सड़क किनारे फेंक दिया। इस दौरान दंपति के बच्चों ने दोनों को अपने माता-पिता की हत्या करते हुए देख लिया। इसके बाद शराफत ने बेरा चौराहे के पास कार रोकी और एक-एक कर चारों बच्चों की गर्दन काट दी। शवों को पानी से भरे एक गड्ढे में फेंक कर फरार हो गए।
शव मिलने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। अजमेर हाईवे पर शव मिलने से पुलिस की जांच पहले जिले के आसपास घूम रही थी, लेकिन यूनुस की शर्ट पर लगा एक टेलर का स्टीकर पुलिस के लिए सबूत बन गया। उसी के सहारे पुलिस निंबाहेड़ा में उसके परिजन तक पहुंची। यहां जांच में पता चला कि यूनुस का परिवार शराफत के साथ बाहर गया था। पुलिस ने तलाश कर उसे और उसके दोस्त को गिरफ्तार कर लिया। विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बाफना ने कोर्ट में 41 गवाह और 153 दस्तावेज पेश किए थे।
