जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को जयपुर स्थित किशनबाग सैंड ड्यून पार्क का अवलोकन किया और विविध मरूस्थलीय वनस्पतियों, पुरातन चट्टानों, टीलों तथा राजस्थानी पद्धति से बने मचानों की जानकारी ली। उन्होंने पार्क के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने पार्क के रेतीले क्षेत्र में उगाई गई स्वदेशी वनस्पति, प्रदेश के कई जिलों से लाई गई पहाड़ी तथा भूमिगत चट्टानों, जीवाश्म एवं उनके माध्यम से राज्य के प्राकृतिक इतिहास के वर्णन की सराहना की। गहलोत ने पार्क में रेगिस्तानी रोई (झाड़ीनुमा जंगल) में उगने वाली विभिन्न प्रकार की झाड़ियों तथा अन्य वनस्पतियों को देखा।
उन्होंने कहा कि पार्क का भ्रमण करने पर पर्यटकों को पता चलता है कि राजस्थान की धरती बंजर न होकर विभिन्न प्रकार की झाड़ियां, घास व जैव-विविधता लिए हुए है तथा सैकड़ों प्रजाति के पक्षी व जानवर इससे पोषित होते हैं।
शोधकर्ताओं को मिलेगी रोचक जानकारी
गहलोत ने कहा कि किशनबाग पर्यटकों के साथ-साथ विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए भी एक अद्भुत स्थल है। यहां आमजन अपने परिवार के साथ आकर सुकून भरा समय बिता सकते हैं। पार्क में आमजन को प्रकृति से जुड़ी विभिन्न प्रकार की रोचक जानकारी भी मिलती है। किशनबाग को निर्माताओं ने एक रचनात्मक ढंग से बनाया है। गाइड्स की जानकारी भी उत्कृष्ट स्तर की है। उन्होंने किशनबाग में घूमने आए आमजन से मुलाकात की तथा उनके अनुभव को जाना। गहलोत ने कहा कि किशनबाग हमें रेगिस्तानी वनस्पति के संरक्षण की प्रेरणा देता है। उद्योग मंत्री शकुतंला रावत, खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और उप मुख्य सचेतक महेन्द्र चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, यूडीएच प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा और जेडीसी रवि जैन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।