राजस्थान

किरोड़ी मीणा को सुराणा जाने से रोका, तीन नेता टंकी पर चढ़े

Admin4
16 Aug 2022 10:00 AM GMT
किरोड़ी मीणा को सुराणा जाने से रोका, तीन नेता टंकी पर चढ़े
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

मंगलवार को सचिन पायलट, डोटसरा पीड़ित परिवार से मिलने सुराणा गांव आएंगे लेकिन किरोड़ी लाल मीणा को रोक दिया गया। ऐसे में किरोड़ी ने गहलोत सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला। वहीं विधानसभा के सामने तीन दलित नेता पानी टंकी पर चढ़ गए हैं।

जालोर में शिक्षक की पिटाई से मौत के बाद सियासत गरमा गई है। दूसरी ओर पीड़ित परिवार के घर नेताओं के आने का सिलसिला जारी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मंत्री गोविंदराम मेघवाल, मंत्री भजनलाल जाटव, सचिन पायलट मंगलवार को सुराणा गांव आएंगे। वहीं राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा को सुराणा गांव आने से रोक दिया गया है।

किरोड़ी लाल मीणा ने उन्हें रोके जाने पर कहा कि आज फिर गहलोत सरकार के व्यवहार से आहत हूं। मुझे बार-बार जनता के बीच जाने से रोका जाता हैं। पुलिस अपराधियों की तरह व्यवहार करती हैं। गहलोत राज में ऐसा कौन सा कानून है, जो एक जनप्रतिनिधि को प्रदेश में कहीं भी आने जाने से रोकता है। किरोड़ी ने कहा कि मैं जालोर जिले के सायला गांव में मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के परिजनों से मिलकर आर्थिक सहायता देना चाहता था लेकिन मुझे जाने नहीं दिया जा रहा है। क्यों रोका जा रहा है, इसका कोई जवाब हर बार की तरह न तो मुख्यमंत्री जी के पास हैं और ना उनके अधिकारियों के पास है। अगर सरकार को लगता हैं कि मेरे शांतिपूर्वक कहीं भी आने-जाने से व्यवस्था प्रभावित होती हैं तो ये मेरी चिंता नहीं है। सरकार की है लेकिन इस प्रकार आप मेरी आवाज को दबा नहीं सकते।

टंकी पर चढ़े दलित नेता

दूसरी ओर समाज और नेता इंद्र मेघवाल के परिवार को 50 लाख मुआवजा और दो सरकारी नौकरियों की मांग की जा रही है। जयपुर में तीन दलित नेता पानी की टंकी पर चढ़ गए हैं। नेताओं ने मांग उठाई कि सरकार मुआवजा बढ़ाए और परिवार के दो लोगों को नौकरी दे।

कम मुआवजे पर इस्तीफा

मुख्यमंत्री गहलोत का पीड़ित परिवार को पांच लाख का मुआवजा घोषित करने के बाद से राजनीति शुरू हो गई है। सोमवार को विधायक पानचंद मेघवाल ने मुआवजे को कम बताते हुए अपना इस्तीफा दिया था। उसके बाद पांच पार्षदों ने भी अपना इस्तीफा दे दिया। मंगलवार सुबह करौली के ब्लॉक विकास अधिकारी ने भी अपना इस्तीफा दिया। ब्लॉक अधिकारी ने सवाल उठाए है कि आजादी के 75 साल बाद भी दलितों पर अत्याचार क्यों नहीं थम रहे हैं। अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा ने सरकार के मुआवजे पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की मदद और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।

मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष आएंगे आज जालोर

राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष और राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास का भी जालोर के दौरे पर आने का कार्यक्रम है। व्यास दोपहर दो बजे सुराणा पहुंचेंगे और पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे। पीड़ित परिवार से बातचीत के बाद खिलाड़ी लाल बैरवा ने सरकार के मुआवजे पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए की मदद और परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग उठाई थी।

सोमवार को गहलोत सरकार के चार मंत्री सुराणा गांव पहुंचे थे और पीड़ित परिवार से मुलाकात की। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली, श्रम मंत्री सुखराम बिश्नोई, अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बैरवा और जनअभाव अभियोग निराकरण समिति (पब्लिक डेप्रवेशन रिड्रेसल कमेटी) के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने पीड़ित सुराणा पहुंचकर पीड़ित परिवार को ढांढस बढ़ाया।

विधानसभा चुनाव से पहले मुद्दा बनाने की कोशिश

राजस्थान में 2023 में विधानसभा चुनाव होने है। राजस्थान में 31 फीसदी वोटर एससी-एसटी कैटगरी वर्ग के है। राजस्थान विधानसभा में 59 सीट रिजर्व कैटेगरी में आती है, जो कि बहुमत के लिए जरूरी आकड़े की 59 फीसदी है, एसे में दलित वोट बैंक को साधना दोनों ही पक्षों के लिए बेहद जरूरी है। ऐसे में दलित छात्र की मौत पर जमकर सियासत जारी है।

क्या है मामला

जालोर के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव के नौ साल के इंद्र मेघवाल की शिक्षक की पिटाई से मौत हो गई। इंद्र सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में तीसरी कक्षा में पढ़ता था। 20 जुलाई को बच्चे ने स्कूल में रखे एक मटके से पानी पी लिया था। इस बात पर शिक्षक छैल सिंह ने उसकी पिटाई कर दी। मासूम को गंभीर हालत में उदयुपर और अहमदाबाद में ले जाया गया। 24 दिन चले इलाज के बाद भी उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। शनिवार शाम को बच्चे की मौत के बाद पुलिस ने आरोपी शिक्षक को हिरासत में लिया और फिर गिरफ्तार कर लिया।

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