राजस्थान

जवाहर कला केंद्र में खेजड़ली के बलिदान की महागाथा का हुआ मंचन

Admin Delhi 1
7 Jun 2023 1:15 PM GMT
जवाहर कला केंद्र में खेजड़ली के बलिदान की महागाथा का हुआ मंचन
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जयपुर: जवाहर कला केंद्र में पर्यावरण दिवस के दूसरे दिन “वनरक्षण–रक्षा और बलिदान” नाटक का मंचन हुआ। नाटक का लेखन और निर्देशन रंगकर्मी अशोक राही ने किया। नाटक का मंचन राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल व पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ने करवाया। नाटक तीन दृश्यों में पूरा हुआ।

पहला दृश्य

नाटक की शुरुआत जहरीली हवा और प्लास्टिक से प्रकृति हो रहे नुकसान को हास्य और व्यंग के माध्यम बताया गया।

दूसरा दृश्य

दूसरे दृश्य में बताया गया कैसे श्री राम ने अपने वनवास के दौरान प्रकृति से जो लिया उसे कैसे लौटाया। भगवान राम ने जल–जंगल–जमीन पर पहला हक वहां के आदिवासीयों का बताया ।

तीसरा दृश्य

तीसरे दृश्य में राजस्थान के इतिहास की अनूठी गाथा जो 1730 में जोधपुर के खेजड़ली में लिखी गई कहानी को रंगमंच पर उतारा गया। मारवाड़ के अभय सिंह की सेना खेजड़ी वृक्ष काटने के लिए जब खेजड़ली पहुंची तो कैसे अमृता देवी के नेतृत्व में 363 बिश्नोई स्त्री–पुरुषों ने खेजड़ी वृक्ष को काटने के प्रतिरोध में खेजड़ी से लिपट कर अपनी जान की बाजी लगा कर जांभोजी के उपदेश “सिर सांटेै रुंख रहे तो भी सस्तो जाण” को सही साबित किया। गायक प्रियांशु पारीक गीतों ने भी कहानी को बांधे रखा।

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