राजस्थान

Khanpur: अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन 2 साल से ताले में बंद

Admindelhi1
3 Jan 2025 1:45 AM GMT
Khanpur: अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन 2 साल से ताले में बंद
x
"2 वर्ष से सोनोग्राफी का लाभ लोगों को मिल नहीं पा रहा"

खानपुर: खानपुर कस्बे के अस्पताल में करीब 2 वर्ष पूर्व सोनोग्राफी मशीन आ चुकी है, लेकिन इसका कुछ भी उपयोग नहीं हुआ है, यह मशीन एक ताले में बंद एक कमरे में पड़ी हुई है। इस पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है ना तो कोई सोनोग्राफी चिकित्सक आ रहा है और नहीं इससे संबंधित जानकारी व्यक्ति जो सोनोग्राफी ले सके 2 वर्ष से सोनोग्राफी का लाभ लोगों को मिल नहीं पा रहा है। सोनोग्राफी मशीन सुचारू रूप से चालू न होने के कारण महिलाओं को उपचार के लिए लगभग 32 किलोमीटर दूर झालावाड़ या 100 किलोमीटर दूर कोटा शहर जाना पड़ता है। खानपुर में चिकित्सालय के बाहर निजी अस्पतालों में सोनोग्राफी मशीन धड़ल्ले से चल रही है। मरीजों को मजबूरन सोनोग्राफी बाहर निजी अस्पताल में करवानी पड़ती है। खानपुर तहसील का सबसे बड़ा अस्पताल होने के बावजूद भी इसके अधीन आने वाली सीएचसी सोनोग्राफी मशीन को लगाए हुए करीब 2 वर्ष का समय हो गया है, लेकिन आम जनता को कुछ समय के लिए भी इसका लाभ नहीं मिल पाया। सोनोग्राफी मशीन के अभाव में निजी सोनोग्राफी सेंटर पर मरीजों का तांता लगा रहता है। अस्पताल में लगभग करीब दो दर्जन मरीज आते होंगे, जिन्हें सोनोग्राफी की आवश्यकता होती है, उन्हें झालावाड़ या कोटा निजी अस्पताल में जाकर के अपना उपचार कराना पड़ता है। चिकित्सालय प्रशासन द्वारा इस मामले में कई बार अन्य उच्च अधिकारियों को सोनोग्राफी मशीन लगवाने के लिए अवगत करा दिया, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान आकर्षित नहीं हो रहा है।

अक्सर सुनने में मिलता है कि सरकारी विभागों में काम देरी से होते हैं लेकिन कस्बे में स्थित क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल में चिकित्सा विभाग से विभाग की कार्यवाही पर यह बात सटीक बैठती नजर आ रही है । लाखों की मशीन धूल खा रही है। खानपुर तहसील अपने आप में एक बहुत बड़ी तहसील है, जिसके अंतर्गत बहुत सारे छोटे गांव पड़ते हैं, जहां से दूर-दूर से गरीब व्यक्ति यहां पर आते हैं और सोनोग्राफी के अभाव में अपना इलाज नहीं करके बाहर जाकर अपना इलाज कराते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति और कमजोरी में कमजोर होती जा रही है। वहीं खानपुर अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्थाएं चौपट है पर्ची बनवाने के लिए मरीजों की लम्बी लाइनें लगी रहती है। साफ सफाई व चिकित्सा व्यवस्थाएं सभी वेंटिलेटर पर है। चिकित्सक कभी कक्ष में बैठते है तो कभी नहीं बैठते या फिर लेट लतीफ आते है, जिससे मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। सीएचसी इंचार्ज से पूछा जाता है तो वह कहते हैं कि स्टाफ की कमी है, कभी कोई डॉक्टर कैंप में चला जाता है या कभी-कभी डॉक्टर कहीं लग जाता है तो अस्पताल में केवल कभी एक डॉक्टर ही बैठ पाता है जिससे मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता।

खानपुर अस्पताल में मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कभी-कभी डॉक्टर के अभाव में बाहर के मरीज को वापस जाना पड़ता है यहां पर जो जनरेटर लगा हुआ है वह भी बंद पड़ा हुआ है उसका कोई उपयोग नहीं है।

- बंटी राठौर, ग्रामीण

जब मरीज चोट लगने पर पट्टी कराने जाता है तो मरीज की पट्टी एक चतुर्थ कर्मचारी व्यक्ति जो प्रशिक्षित नहीं है वह करता है और कंपाउंडर मोबाइलों पर बातें करते रहते हैं, यहां तक की बोतल का चढ़ाना व उतरना जिस कार्य को भी चतुर्थ कर्मचारी कर रहे हैं जो उनके हक में नहीं आता है। खानपुर अस्पताल की व्यवस्था बड़ी दयनीय हो रही है।

- केशव लक्षकार समाजसेवी

सोनोग्राफी मशीन तो आ चुकी है, लेकिन इसका संचालन सुचारु रूप सेंटर नहीं होने के कारण मरीज को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सोनोग्राफी चिकित्सक लगाने की मांग की है।

- मुकेश सेन, ग्रामीण

Next Story