
जयपुर. आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर प्रदेश कांग्रेस की और से शुक्रवार 9 से 15 अगस्त तक आजादी की गौरव यात्रा (Azadi ki Gaurav Yatra) निकाली जा रही है. पूरे प्रदेश में कल से यह यात्राएं शुरू हो चुकी हैं. जयपुर में भी आज सुबह 11 बजे से यात्रा शुरू हुईं जो सिविल लाइंस विधानसभा में निकाली गईं जो जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास के सरकारी निवास से शुरू होकर सोडाला हसनपुरा होते हुए जल भवन तक पहुंची. हालांकि जयपुर में हर बार की तरह इस बार भी संख्या की कमी दिखाई दी (Khacharivas expressed displeasure over the Congressmen) जिसपर जयपुर जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह खाचरियावास नाराज के साथ ही आहत दिखे..
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Khachariyavas in Azadi ki Gaurav Yatra) ने कहा कि मुझे पार्टी की ओर से जो काम सौंपा जाता है वह पूरी ईमानदारी से करता हूं जो नेता मंत्री या विधायक कांग्रेस के प्रदर्शनों और रैली में नहीं पहुंचते हैं मैंने उनका ठेका नहीं ले रखा है.उन्होंने कहा कि जिसे जो काम करना है वह करे बाकी जो मेरी ड्यूटी है वह मैं कर रहा हूं.
क्योंकि जयपुर राजस्थान की राजधानी है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी के राजधानी में होने वाले प्रदर्शनों पर हर किसी की नजर होती है, लेकिन हर बार पार्टी के जुलूस और प्रदर्शन में संख्या कम रहने की शिकायत रहती है. खुद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के समय हुए प्रदर्शन में कहा था कि पद पाने के बाद कांग्रेस के नेता सरकारी गाड़ी में बॉडीगार्ड के साथ अकेले पहुंच जाते हैं रैली में जो कि गलत है.
राजस्थान कांग्रेस को प्रदेश में सभी जिलों की ओर से यात्रा का रूट चार्ट बनाकर भेजा गया कि हर दिन कितने किलोमीटर और किस रूट से यात्रा निकाली जाएगी, लेकिन जयपुर में नेताओं के आपसी टकराव के चलते न तो रूट चार्ट तैयार किया गया और न ही किस विधानसभा से कितने किलोमीटर यह यात्रा निकलेगी यह तय किया गया है. आज भी जब जयपुर शहर अध्यक्ष मंत्री प्रताप सिंह की ओर से यात्रा निकाली गई तो मंत्री महेश जोशी विदेश दौरे के चलते इस पैदल मार्च में शामिल नहीं हुए. विधायक अमीन कागजी इस पैदल मार्च में आए ही नहीं तो विधायक गंगा देवी मंत्री के आवास से ही वापस लौट गईं.
राजधानी जयपुर में बीजेपी की ओर से भी तिरंगा यात्रा निकाली गई जिसमें बड़ी तादाद में लोग जुटे. यही हालात स्कूली बच्चों की ओर से निकाली जा रही तिरंगा यात्रा की भी है जिसमें काफी भीड़ रही. कांग्रेस की ओर से निकाली जा रही तिरंगा यात्रा में मंत्री और सत्ताधारी दल के विधायकों की मौजूदगी के बावजूद भीड़ नहीं जुट रही है. ऐसे में कांग्रेस के नेताओं की आपसी गुटबाजी और खींचतान के चलते कांग्रेस को नुकसान हो रहा है.