राजस्थान

पत्रकारों को खुद को डूबने से बचाने के साथ सही तैराकी की दी ट्रेनिंग

Ashwandewangan
9 Jun 2023 5:08 PM GMT
पत्रकारों को खुद को डूबने से बचाने के साथ सही तैराकी की दी ट्रेनिंग
x

जोधपुर। मारवाड़ प्रेस क्लब की ओर से खुद को डूबने से बचाने के उद्देश्य से 3 दिवसीय आत्मरक्षा शिविर दाऊ की ढाणी में शुरू हुआ। 11 जून तक चलने वाले इस शिविर में तैराकी के विभिन्न महत्वपूर्ण पहलुओं से अवगत कराने के अलावा सीपीआर ट्रेंनिंग भी दी जाएगी।

क्लब के सचिव इम्तियाज अहमद ने बताया कि यह शिविर आयोजन समिति सदस्यों सुनील दत्त, चंद्रशेखर व्यास, गिरीश दाधीच, मनोज गिरी, आर एस थापा और डॉक्टर सुरेश खटनवालिया की देखरेख में प्रताप नगर स्थित दाऊ की ढाणी में चल रहा है। इसमें वरिष्ठ तैराक दाऊलाल मालवीय, सुनील मालवीय, जितेंद्र मालवीय, जतिन मालवीय और राघव मालवीय द्वारा पत्रकारों को पानी में डूबने से बचने के तरीके बताने के साथ-साथ विकट परिस्थितियों में खुद की जान बचाने के अलग-अलग तरीकों से अवगत कराते हुए प्रशिक्षण दिया गया।

प्रशिक्षक दाऊ लाल मालवीय ने बताया कि जब कोई इंसान पानी में डूबता है तो सबसे पहले नाक और मुंह से पानी उसके फ़ेफ़ड़ों में तक पहुंचता है। इससे व्यक्ति की मांसपेशियां ऐंठने लगती हैं। शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह रुक जाता है। ऐसी स्थिति में व्यक्ति बेहोश होकर पानी में डूबने लगता है।

इस दौरान पानी में डूबने वाला व्यक्ति चिल्लाकर भी मदद नहीं मांग पाता क्योंकि उसे सांस लेने के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। शोर न मचा पाने की वजह से व्यक्ति को मदद नहीं मिल पाती और डूबने से उसकी मौत हो जाती है। ऐसी परिस्थितियों में नाक के पास कुछ पॉइंट के अलावा गले के पास की पॉइंट को दबाने से नाक में घुसा हुआ पानी बाहर आ जाता है और खतरा टल जाता है।

उन्होंने बताया कि किसी तालाब या नदी में गिर जाने की स्थिति में उस वक्त जब आपको बिलकुल भी तैरना नहीं आता है तो आप किसी भी तरह से पानी में अपने हाथ-पैर चलाते रहें। हाथ-पैर चलाने से भी पानी में डूबते चले जा रहे हों तो कम समय में बाहर निकलने की पुरज़ोर कोशिश करें। अगर जूते या बैग जैसी कोई कोई भी चीज़ आपका वजन बढ़ा रही है, तो उसे अपने शरीर हटा दें। जितना हो सके अपने सिर को पानी से बाहर रखें और सामान्य तरीके से सांस लेने की कोशिश करें।

पानी में डूबने के डर से घबराएं नहीं क्योंकि घबराहट में मासपेशियां अधिक ऑक्सीजन इस्तेमाल करने लगती हैं। फ़ेफ़डे हवा से भरे होते हैं तो शरीर बेहतर तरीके से तैरता है, लेकिन अधिक तेज़ी से सांस लेने की कोशिश न करें। इस दौरान आपका ऑक्सीजन युक्त रहना बहुत महत्वपूर्ण है। लेकिन हाइपरवेंटीलेटिंग से बचने की कोशिश करें। किसी भी तरह से नदी के किनारे पर आने की कोशिश करें क्योंकि किनारे पर पानी की गहराई कम होती है।

नदी में अगर कोई प्लास्टिक या फिर लकड़ी तैर रही है तो उसे पकड़ने की कोशिश करें इससे डूबने से बच सकते हैं। अपने पैरों का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करें क्योंकि पैरों के चलते रहने से ही आपका शरीर (सिर) पानी से बाहर रहेगा। अगर पानी में हाथ पैर मारकर थक गए हों तो पीठ के बल लेटने का प्रयास करें और अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं। धीरे-धीरे हाथ पैर चलाने और किनारे की तरफ आने की कोशिश करने से डूबने से खतरे से बचा जा सकेगा।

मारवाड़ प्रेस क्लब के सचिव इम्तियाज अहमद ने बताया कि 11 जून को इस शिविर का समापन होगा। शिविर के समापन से ठीक पहले सीपीआर ट्रेंनिंग विशेषज्ञ डॉ राजेंद्र तातेड ह्रदय रोग संबंधी अचानक होने वाली परेशानी से बचाने के लिए सीपीआर की ट्रेनिंग पत्रकारों को देंगे।

Ashwandewangan

Ashwandewangan

प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

    Next Story