![जैसलमेर के समाजसेवी मनोहर सिंह ने सफाईकर्मी गरीब माता-पिता की बेटियों की शादी का सारा खर्चा उठाया, जाने क्यों ? जैसलमेर के समाजसेवी मनोहर सिंह ने सफाईकर्मी गरीब माता-पिता की बेटियों की शादी का सारा खर्चा उठाया, जाने क्यों ?](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/07/12/1779586-1.webp)
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जैसलमेर के समाजसेवी मनोहर सिंह
जैसलमेर: राजस्थान के जैसलमेर के जोधा गांव के मनोहर सिंह जोधा ने समाज को एक ऐसी मिसाल पेश की है, जिसको लोग सदियों तक याद रखेंगे और अगर उसकी नक्शे कदम पर लोग चलने लगे तो समाज में ऊंच-नीच, भेदभाव सब मिट जाए. दरअसल मनोहर सिंह जोधा ने जैसलमेर के ही साथ ही अपने ही गांव में उन दोनों बेटियों को विवाह किया और बारात भी अपने ही गांव बुलाई. सारे गांव ने बारात का स्वागत कर उनको खाना खिलाया. मनोहर सिंह ने शादी का पूरा जिमा उठाकर समाज में एक मिसाल कायम की है, जिसकी हर कोई तारीफ कर रहा है.
गली में झाड़ू लगाते देख किया वादा निभाया
5 बेटियों के पिता मदनलाल नगरपरिषद में ठेके पर लगा सफाईकर्मी है, वो अपनी पत्नी आशा देवी के साथ इंदिरा कॉलोनी एरिया की साफ-सफाई करता है. उसकी 5 बेटियां है. उसे अपनी बेटियों की शादी धूमधाम से करनी थी, लेकिन आज के आधुनिक समय में उसके पास पूंजी नहीं थी, जिसके चलते उसे हर वक्त यह चिंता खाए जा रही थी कि आखिर वह अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा काम कैसे निपटाएगा. बच्चियों की शादी भी तय हो गई और उसकी चिंता भी बढ़ गई. एक दिन सफाई करते जैसलमेर के समाजसेवी मनोहर सिंहजोधा को उन्होंने अपनी बात कही.
मनोहर सिंह ने उनसे वादा किया कि शादी का सारा खर्चा वे ही उठाएंगे. अपना वादा निभाते हुए मनोहरसिंह ने पूरी शादी का जिम्मा ही अपने ऊपर ले लिया और मदनलाल की बेटियों की करवा दी. एक बेटी की बारात फलोदी और दूसरी की सालासर नेथवा से आई. मनोहरसिंह ने बारातियों का भी पूरा स्वागत सत्कार किया और शादी का पूरा खर्चा उठाया. बेटियों की विदाई के दौरान पिता मदनलाल ने कहा कि मनोहरसिंह भगवान का रूप है, उन्होंने शादी का पूरा जिम्मा उठाया. शादी की पूरी तैयारियां मनोहरसिंह द्वारा ही की गई. बारातियों के स्वागत, ठहराव, खाना, डीजे सहित पूरी व्यवस्था उन्होंने ही की है. मदनलाल की दो बेटियां सीमा और संजना को दुल्हन के रूप में विदाई दी गई.
मनोहर सिंह और गांव वालों ने किया स्वागत
मनोहर सिंह द्वारा दोनों बेटियों की शादी अपने गांव जोधा में ही करवाई गई. फलोदी और सालासर नेथवा ने आने वाली बारातें भी जोधा गांव ही पहुंची, जहां विधि-विधान के साथ दो बेटियों को दुल्हन के रूप में तैयार कर उनकी शादी करवाई गई.
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