जयपुर. जैसलमेर जिला कलेक्टर टीना डाबी के सामने 20 सूत्री कार्यक्रम के क्रियान्वयन और लक्ष्य की प्राप्ति करना बड़ी चुनौती (jaisalmer collector tina dabi has big challenge) बन गई है. रैंकिंग के मामले में 20 सूत्री कार्यक्रम (Jaisalmer rank in 20 point program) में जैसलमेर जिला सबसे निचले पायदान पर है. कलेक्टर टीना डाबी के लिए जिले की रैंकिंग में सुधार में लाना बड़ी चुनौती है. जैसलमेर के साथ ही सिरोही जिला भी 32वें स्थान पर है, जबकि पांच जिले अलवर, भीलवाड़ा, चूरू, झुंझुनू और सीकर प्रथम स्थान पर हैं.
राज्यों में विकास का पैमाना या मानक का अंदाजा लगाने के लिए बीस सूत्री कार्यक्रम में उसके प्रदर्शन को बड़ा आधार माना जाता है. नीति आयोग ने अप्रैल 2021 से मार्च 2022 तक राज्य सरकारों को लक्ष्य दिए थे और उसके अनुसार पूरे वर्ष को चार तिमाही में बांटकर जिलों को उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग जारी की गई है. जिलों की रैंकिंग A, B, C, D की चार श्रेणियों में बांटकर की गई है. रैंकिंग के अनुसार 20 सूत्री कार्यक्रम के क्रियान्वयन में जैसलमेर जिला सबसे निचले पायदान पर है. जैसलमेर कलेक्टर टीना डाबी के लिए जिले की रैंकिंग में सुधार लाना बड़ी चुनौती होगी. इसके साथ ही सिरोही जिला भी 32 वें स्थान पर हैं. पांच जिले अलवर, भीलवाड़ा, चूरू, झुंझुनू और सीकर टॉप पर हैं.
आइये देखते हैं कि इस रैंकिंग के अनुसार कौन से जिले हैं टॉप पर और कौन से निचले पायदान पर हैं. 36 में से 32 अंक हासिल करके अलवर, भीलवाड़ा, चूरू, झुंझुनू और सीकर पहले पायदान पर काबिज हैं. इन जिलों ने 88.89 प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया गया है. भरतपुर 86.11 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर छठे स्थान पर आया है. इसी तरह बारां और पाली को सातवां स्थान मिला है. अजमेर, दौसा, जोधपुर और टोंक 80 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल करके नौवें स्थान पर पहुंचे हैं. सीएम गहलोत का गृह जिला जोधपुर को नौवां स्थान मिला है. बाड़मेर, धौलपुर, डूंगरपुर और हनुमानगढ़ और कोटा को 77 प्रतिशत से ज्यादा लक्ष्य हासिल करने पर 13 वां स्थान प्राप्त हुआ है. बीकानेर 75 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करके 18वां स्थान पाने में सफल रहा है. वहीं राजधानी जयपुर सहित जालोर, करौली, नागौर, राजसमंद ये पांच जिलों को 19वां स्थान मिला है. इन लक्ष्यों को पाने में सिरोही सबसे फिसड्डी रहा है और 36 में से 22 अंकों और 61.11 प्रतिशत हासिल कर उसने जैसलमेर के साथ सबसे निचला 32वां पायदान प्राप्त किया है.
बीस सूत्री कार्यक्रम के राज्यस्तरीय क्रियान्वयन एवं समन्वय समिति के उपाध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने कहा कि आज से 47 वर्ष पूर्व सन् 1975 में गरीबी और आर्थिक शोषण को कम करने और समाज के कमजोर वर्ग के उत्थान के लिए प्रारंभ किए गए बीस सूत्री कार्यक्रम को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बदलाव कर मजबूत किए जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जिन जिलों में परफॉर्मेंस डाउन है वहां निर्देश दिए गए हैं कि स्थिति में सुधार करें और कम से कम 90 फीसदी लक्ष्य अनिवार्य रूप से पूरा करें. उन्होंने कहा कि एक दर्जन जिले ऐसे हैं जिन्होंने बहुत बेहतर काम किया है. 15 जिले एवरेज काम कर रहे हैं, लेकिन चार-पांच जिले हैं जहां की स्थिति ठीक नहीं है. उसके लिए जिला कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि अगली समीक्षा बैठक से पहले वह अपनी रैंकिंग में सुधार लाएं.