राजस्थान

Jaipur: फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण के लिए 200 करोड़ रूपये के कार्य प्रस्तावित

Tara Tandi
26 July 2024 12:17 PM GMT
Jaipur: फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण के लिए 200 करोड़ रूपये के कार्य प्रस्तावित
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Jaipur जयपुर। जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश रावत ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष बजट में फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण के लिए 200 करोड़ रूपये के कार्य प्रस्तावित किये गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि केन्द्रीय जल आयोग द्वारा फीडर के पुनर्निर्माण की प्रोजेक्ट फिजीबिलिटी रिपोर्ट (PFR) स्वीकृत की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि गत सरकार के कार्यकाल में फिरोजपुर फीडर पुनर्निर्माण के लिए पीएफआर तैयार कर 29 मई 2023 को केन्द्रीय जल आयोग, नई दिल्ली को भेजी गई थी। लेकिन आयोग के आक्षेपों की पालना नहीं किये जाने के कारण इसे मंजूरी नहीं दी गई और डीपीआर तैयार नहीं हो सकी।
जल संसाधन मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि गंगनहर से प्राप्त होने वाले औसत जल की मात्रा 2500 क्यूसेक के विरुद्ध 2265 क्यूसेक है। इस वर्ष भी 2500 क्यूसेक की मांग के विरुद्ध न्यूनतम 1744 क्यूसेक तक जल मिला है।
इससे पहले विधायक श्री डूंगरराम गेदर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि फिरोजपुर फीडर का निर्माण वर्ष 1952-53 में किया गया। इसके निर्माण के समय क्षमता 11 हजार 192 क्यूसेक निर्धारित थी। वर्तमान में इस फीडर आर.डी. 0 से आर.डी. 168 तक जगह-जगह क्षतिग्रस्त है। उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान बांधों के डाउनस्ट्रीम में अत्यधिक वर्षा होने की स्थिति में हरिके हैड से निकलने वाली इंदिरा गांधी फीडर व फिरोजपुर फीडर के विकसित सिंचाई तंत्र में अधिकतम उपलब्ध क्षमता तक पानी का उपयोग लिये जाने के बाद शेष रहा पानी ही पाकिस्ता्न की तरफ प्रवाहित होता है।
उन्होंने बताया कि बजट घोषणा वर्ष 2024 में फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण हेतु राज्‍य सरकार द्वारा राशि रूपये 200 करोड के कार्य प्रस्‍तावित किये गये है । इसके संबंध में पी.एफ.आर. दिनांक 09.02.2024 को केन्‍द्रीय जल आयोग नई दिल्‍ली द्वारा स्‍वीकृत की जा चुकी है एवं पंजाब राज्‍य द्वारा डी.पी.आर. तैयार की जा रही है। शीघ्र ही डी.पी.आर. स्‍वीकृति हेतु केन्‍द्रीय जल आयोग नई दिल्‍ली में प्रस्‍तुत की जानी संभावित है। स्‍वीकृति अनुसार पंजाब सरकार द्वारा कार्य किया जाना प्रस्‍तावित है।
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