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14 नवंबर से जिले में शादियों का सीजन (Wedding Season) शुरू हो चुका है. राहत भरी खबर यह है कि सरकार की ओर से भी शादी समारोह में मेहमान की सीमा पर लगी रोक
जनता से रिश्ता। 14 नवंबर से जिले में शादियों का सीजन (Wedding Season) शुरू हो चुका है. राहत भरी खबर यह है कि सरकार की ओर से भी शादी समारोह में मेहमान की सीमा पर लगी रोक को हटा दिया गया है. ऐसे में करीब डेढ़ साल बाद एक बार फिर जयपुर के मैरिज गार्डन (Marriage Garden) और होटल्स में रौनक देखने को मिलेगी. सरकार की ओर से छूट मिलने के बाद ज्वेलरी ,कैटरिंग ,ट्रैवल ,कपड़ा ,टेंट और गार्डन इंडस्ट्री को एक बार फिर से रफ्तार मिलेगी.
वेडिंग इंडस्ट्री को मिलेगा फायदा
रविवार यानी 14 नवंबर को अबूझ सावे के चलते अकेले जयपुर में लगभग 4000 शादियां हो रही है. साथ ही आने वाले 4 महीनों में शादी के सीजन के चलते वेडिंग इंडस्ट्री गुलजार रहेगी. जहां इस बार दीपावली के सीजन पर भी तकरीबन 15 हजार करोड़ का कारोबार पूरे प्रदेश में देखने को मिला. तो वहीं आगामी 4 महीने की वेडिंग सीजन में तकरीबन 20 हजार करोड़ का कारोबार होने की उम्मीद है. सरकार की ओर से शादी समारोह में मेहमान की सीमा पर रोक हटने के बाद वेडिंग सेक्टर से जुड़े हर कारोबार को बूस्ट मिलेगा
सर्राफा ट्रेडर्स कमेटी के अध्यक्ष कैलाश मित्तल का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण (Covid-19 Infection) के बाद शादी समारोह पर पाबंदियां लगा दी गई थी. लेकिन इस बार सरकार की ओर से पाबंदी हटाई गई है तो इस बार शादियों का सीजन सर्राफा बाजार के लिए संजीवनी का काम करेगा.
कहां कितना फायदा
आगामी 4 महीने प्रदेश में वेडिंग सीजन रहेगा तो ऐसे में ज्वेलरी से लेकर कपड़ा व्यापार और किराना से लेकर ट्रैवल एजेंसी से जुड़े कारोबारियों को काफी राहत मिलेगी. इस वेडिंग सीजन में मुख्य रूप से कैटरिंग लगभग 300 करोड़ किराना लगभग 400 करोड़ ट्रैवल लगभग 200 करोड़ कपड़ा लगभग 100 करोड़ ऑटोमोबाइल में लगभग 2000 करोड़ और ज्वेलरी सेक्टर में लगभग 5000 करोड़ से अधिक के व्यापार का अनुमान लगाया जा रहा है.
इकोनॉमी को मिलेगी गिरफ्तार
ऑल इंडिया टेंट डेकोरेटर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि जिंदल का कहना है कि कोविड-19 संक्रमण के बाद वेडिंग सीजन लगभग खत्म हो गया था. लेकिन हाल ही में सरकार की ओर से मेहमानों की संख्या पर लगी पाबंदी को हटा दिया गया है. ऐसे में मैरिज गार्डन की बुकिंग में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है. जिसके चलते प्रदेश की इकोनॉमी को भी रफ्तार मिलेगी. शादियों के सीजन के चलते प्रदेश में लगभग 15,000 से अधिक मैरिज गार्डन संचालकों को फायदा मिलेगा.
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