राजस्थान

जयपुर: 7 साल से राशन कार्ड से नहीं हटाए मृतकों के नाम, दो साल में 1.85 लाख मृतकों के नाम बांटे 88 करोड़ का गेहूं

Bhumika Sahu
1 Aug 2022 4:01 AM GMT
जयपुर: 7 साल से राशन कार्ड से नहीं हटाए मृतकों के नाम, दो साल में 1.85 लाख मृतकों के नाम बांटे 88 करोड़ का गेहूं
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दो साल में 1.85 लाख मृतकों के नाम बांटे 88 करोड़ का गेहूं

जयपुर. सरकार ने 20 रुपये किलो खरीदा, 2 रुपए में बांटा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत जयपुर में दो साल में 1.85 लाख मृतकों के नाम पर 88.80 करोड़ रुपये मूल्य का 44 हजार टन गेहूं उठा लिया गया है। एनएफएसए में राशन कार्ड और आधार की सीडिंग में यह खुलासा हुआ है। यह 44,404 टन गेहूं के वितरण की अवधि के दो वर्षों में किया गया है।

केंद्र सरकार ने एमएसपी पर 20 रुपये प्रति किला की औसत दर से 88.80 करोड़ रुपये के 44,404 टन गेहूं की खरीद की। इस गेहूं के 2 रुपए किले के हिसाब से गरीबों में बांट दिए गए। मुफ्त राशन योजना के तहत करे अवधि के दौरान वर्ष 2021-22 में 11 हजार टन से अधिक गेहूं नि:शुल्क वितरित किया गया। जिसकी सरकारी खरीद 22.20 करोड़ थी।
दो साल में राशन कार्ड में कोई नया नाम भी नहीं जोड़ा गया है।
यह योजना 2015 में शुरू की गई थी। परिवार के किसी भी सदस्य की मृत्यु होने पर राशन कार्ड से मृतक का नाम हटाने की जिम्मेदारी कार्ड धारक की होती है। पिछले दो वर्षों में कोई नया नाम नहीं जोड़ा गया है।
डेथ सर्टिफिकेट जनरेट हुआ तो अपडेट क्यों नहीं?
मृतकों के नाम पर गेहूं के राशन के आवंटन ने रसद अधिकारियों के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं।
ग्राम विकास अधिकारी, कस्बों और शहरों में नगर निकायों के कार्यकारी अधिकारी, जन्म-मृत्यु पंजीयक सभी दस्तावेजों को पूरा करने के बाद मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करते हैं।
राशन कार्ड में मृतक का नाम नहीं हटाना गैर जिम्मेदाराना है। खाद्य विभाग के निरीक्षक विभाग से डाटा नहीं लेते हैं।
आधार से राशन कार्ड सीड करने के बाद जारी हुए आंकड़े
जिला मृत्यु विवाह स्थायी प्रवास अधिक नाम हटायें अपात्र कुल चरित्र
जयपुर शहर 33748 28246 14007 12737 299 89037
जयपुर ग्रामीण 151269 122410 24643 50538 7998 356858
राज्यव्यापी 1217910 1260822 697399 2414192 654500 6442307
एनएफएसए से संबंधित गांवों में 72% आबादी
ग्रामीण क्षेत्रों में, 72% आबादी एनएफएसए द्वारा कवर की जाती है। इन परिवारों को भामाशाह कार्ड के माध्यम से निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान की गई।


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