राजस्थान: सफाई कर्मचारी की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। जिसको लेकर आज से प्रदेशभर के सफाई कर्मचारियों ने हड़ताल शुरू कर दी है। संयुक्त वाल्मिकी एवं सफाई श्रमिक संघ के पधाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार ने हमारी मांग को जल्द पूरा नहीं किया। तो प्रदेशभर में वाल्मीकि समाज सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
संयुक्त वाल्मिकी एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि सरकार ने प्रदेश में 24 हजार 797 सफाई कर्मचारियों की भर्ती की है. संघ ने उस भर्ती के नियमों में कुछ संशोधन का प्रस्ताव सरकार को दिया. 15 मार्च को सरकार और यूनियन के बीच इन मांगों पर सहमति बनी थी. समझौते के अनुसार नगर निकायों में कार्यरत सफाई कर्मियों (अस्थायी) को वरीयता देने तथा वर्ष 2012 व 2018 के अभ्यर्थियों की नियुक्ति का मामला न्यायालय में लंबित है. नीतिगत निर्णय लेकर इन्हें नियुक्त करने पर सहमति बनी. लेकिन सरकार ने सहमति पत्र को दरकिनार कर भर्ती की तैयारी शुरू कर दी है. जिसे हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
जयपुर में 8 हजार से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं
जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज में फिलहाल 8 हजार से ज्यादा सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं. ये कर्मचारी कल हड़ताल पर रहेंगे. आज उनके हड़ताल पर जाने से जयपुर शहर में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है.
इन मांगों पर एडीए संघ
सफाई कर्मचारियों की भर्ती मस्टरोल के आधार पर की जाए। जिसमें पहले कर्मचारी से 1 वर्ष तक कार्य कराया जाए, उसके बाद नियुक्ति दी जाए।
वाल्मिकी समुदाय के उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
पूर्व की जिन भर्तियों का मामला न्यायालय में विचाराधीन है अथवा निर्णय हो चुका है, उनमें नियुक्ति आदेश जारी किये जायें।