राजस्थान: अमीर बनने की चाहत ने युवक को नकली नोटों का सौदागर बना दिया। वह रंगीन प्रिंटर मशीन और स्कैनर के जरिए नकली नोट बनाने लगा। उसने गांव में इन नोटों को खपा भी दिया। लेकिन, जैसे ही उसने शहर में नोट चलाने की कोशिश की तो पकड़ा गया। वह सिलेंडर हॉकर का काम छोड़ कर नकली नोट बनाने लगा। उसने सोशल मीडिया की मदद से नोट बनाना शुरू किया। आरोपी के पास से पुलिस को 28 हजार 400 के नकली नोट मिले हैं। पिछले कई दिनों से पुलिस को इसको लेकर सूचना मिल रही थी और इसी आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की।
खुफिया तंत्र से जानकारी मिल रही थी: एडिशनल एसपी जोधपुर ग्रामीण भोपाल सिंह लखावत ने कहा- पुलिस को काफी समय से इसकी सूचना मिल रही थी. 9 जून की सुबह पुलिस को नकली नोट बनाने की खुफिया सूचना मिली. इसमें जिला स्पेशल टीम के अमानाराम के नेतृत्व में टीम ने आरोपी बाबू राम पुत्र धोकल राम बगड़वा बिश्नोई निवासी बगड़वा, ढाणी महादेव नगर चिराई के घर पर छापा मारा। यहां भारी मात्रा में नकली नोट बनाने का सामान मिला। जिसमें स्कैनर, रंगीन प्रिंटर, पेपर रिम्स और पेपर फ्रेम आदि शामिल हैं। इस दौरान 500 के 56 नोट और 200 के दो नोट समेत कुल 28 हजार 400 नकली नोट पकड़े गये.
सोशल मीडिया से नकली नोट बनाना सीखें: लखावत के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि आरोपी महाराष्ट्र में गैस सिलेंडर सप्लायर का काम करता था। इस बिजनेस में मेहनत ज्यादा और पैसा कम देना पड़ता था. इस मामले में आरोपी को जल्द अमीर बनने की चाहत में नकली नोट बनाने की जानकारी सोशल मीडिया से मिली. यूट्यूब से नकली नोट बनाना सीखकर यह काम शुरू किया।
पुलिस की पूछताछ जारी है: पूछताछ में पता चला कि इसके लिए उसने मध्य प्रदेश के इंदौर से कलर प्रिंटर और स्कैनर खरीदा और नकली नोट बनाने के लिए जरूरी सामान खरीदने के बाद गांव आ गया और गांव में नकली नोट बनाने का काम शुरू कर दिया. पूछताछ में अब यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी कितने समय से नकली नोट बना रहा था और कहां खपा रहा था. गिरफ्तार करने में जिला जोधपुर ग्रामीण की टीम से ओसियां थाना अधिकारी राजेश कुमार गजराज, सहायक उपनिरीक्षक अमानाराम, सेठाराम बिश्नोई, किशोर दुकतावा, किशनाराम पूनिया, रवि प्रकाश, महिला कांस्टेबल जस्सी, नाथूराम, राम प्रकाश, घेवरराम, हसराम, रामी आरोपियों में रामनिवास, राजेंद्र सिंह, मोहन सिंह, बाबूलाल शामिल थे।