Jaipur: 12 जिलों की अदालतों में जारी हुए नए नियुक्ति के आदेश
जयपुर: राजस्थान के कानूनविभाग ने बड़ी चूक करते हुए खत्म हो चुके कानून के तहत 12 जिलों की अदालतों में सरकारी अधिवक्ताओं की नियुक्ति आदेश निकाल दिए। यह मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है कि जिस विभाग ने यह आदेश निकाले हैं।
उसी विभाग पर ही कानून की पूरी जिम्मेदारी हैं। विभाग के इन आदेशों के बाद कानून के जानकार और एक्सपर्ट का कहना है कि जो कानून 30 जून को समाप्त कर दिए गए हैं। उनमें की गई नियुक्तियां पूरी तरह से अवैध व गैर संवैधानिक हैं। विभाग के इन आदेशों के बाद कानून विशेषज्ञों और जानकारों का कहना है कि 30 जून को कानून रद्द कर दिए गए हैं. इनमें की गई नियुक्तियां पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक हैं। अब गलती सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है. पता चला है कि विभाग इस संबंध में संशोधित आदेश जारी करने की तैयारी कर रहा है.
1 जुलाई से देश में तीन नए कानून लागू हो गए
देश में 1 जुलाई से अंग्रेजों के समय से चले आ रहे तीन आपराधिक कानूनों को खत्म कर तीन नए आपराधिक कानून लागू कर दिए गए हैं. भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को भारतीय न्यायिक संहिता (बीएनएस) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है, भारतीय दंड संहिता (सीआरपीसी) को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है और साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य अधिनियम द्वारा प्रतिस्थापित किया गया है। (बीएसए)।
इस संबंध में कानूनी विशेषज्ञ वरिष्ठ अधिवक्ता एके जैन ने कहा कि राज्य में सरकारी वकीलों की नियुक्ति भी नये कानूनों के तहत की जा सकती है. क्योंकि कानून मौजूद नहीं है. उनमें की गयी नियुक्ति वैध नहीं मानी जा सकती. उन्होंने कहा कि नये कानून के तहत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 18(3) के तहत सरकारी वकील नियुक्त किये जा सकते हैं. लेकिन विभाग ने ये नियुक्ति आदेश समाप्त हो चुकी सीआरपीसी की धारा 24(3) के तहत जारी किये.
गुरुवार को 12 जिलों में सरकारी वकीलों की नियुक्ति दी गयी
विधि विभाग ने गुरुवार को अलग-अलग आदेश जारी कर राज्य के 12 जिलों में लोक अभियोजक, अपर लोक अभियोजक, विशेष लोक अभियोजक एवं अन्य पदों पर 50 से अधिक अधिवक्ताओं की नियुक्ति की है. इन आदेशों के जरिए विभाग ने बांसवाड़ा, डीडवाना-कुचामन, दूद-फागी, श्रीगंगानगर, जालोर, राजसमंद, खैरथल-तिजारा, कोटपूतली-बहरोड़, सलूंबर, सांचौर, शाहपुरा सहित सिरोही जिले में सरकारी वकील नियुक्त किए थे.