राजस्थान

Jaipur: सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने में नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान- सहकारिता मंत्री

Tara Tandi
13 Feb 2025 6:24 AM GMT
Jaipur: सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने में नाबार्ड का महत्वपूर्ण योगदान- सहकारिता मंत्री
x
Jaipur जयपुर । राजस्थान में एकीकृत और सतत ग्रामीण समृद्धि सुनिश्चित करने के उद्देश्य से नाबार्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 4.40 लाख करोड़ रु. के प्राथमिकता क्षेत्र ऋण वितरण का अनुमान लगाया है। ऋण की संभावित राशि पिछले वर्ष के अनुमान की तुलना में 22% अधिक है।
नाबार्ड द्वारा बुधवार को आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार के दौरान , सहकारिता और नागरिक उड्डयन (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री श्री गौतम कुमार दक द्वारा श्रीमती मंजू राजपाल, प्रमुख शासन सचिव-सहकारिता, श्री बलराज सिंह, वीसी, एसकेएनएयू, जोबनेर, श्री टीकम चंद बोहरा, एमडी -राजफेड और डॉ. राजीव सिवाच, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड की उपस्थिति में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए तैयार किए गए स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया गया जो राजस्थान राज्य में भौतिक और वित्तीय, दोनों संदर्भों में, दोहन योग्य जिलावार ऋण वितरण की संभाव्यता का समेकित दस्तावेज़ है।
सहकारिता राज्य मंत्री ने नाबार्ड द्वारा तैयार की गई ऋण योजना और स्टेट फोकस पेपर 2025-26 की सराहना की। साथ ही, उन्होंने बैंकों, संबंधित विभागों और अन्य हितधारकों को नाबार्ड द्वारा स्टेट फोकस पेपर में किए गए अनुमानों को प्राप्त करने के लिए एकजुट होकर काम करने की सलाह दी। उन्होंने सहकारिता को प्राथमिकता प्रदान करने में प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2021 में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय बनाए जाने को रेखांकित करते हुए कहा कि ''सहकार से समृद्धि'' के तहत केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं जिनमें प्राथमिक कृषि क्रेडिट समितियों (पैक्स) का कंप्यूटरीकरण, नई बहुउद्देश्यीय पैक्स की स्थापना, सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना, सहकारिता में सहकार पर राष्ट्रव्यापी अभियान और ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारी बैंकों की मजबूती शामिल है।
श्री दक ने सहकारी समितियों के कंप्यूटरीकरण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों और वित्तीय सहायता के माध्यम से सहकारी आंदोलन को सशक्त बनाने में नाबार्ड द्वारा दिये गए महत्वपूर्ण योगदान की सराहना करते हुए कहा कि राज्य में नाबार्ड ने कृषि और ग्रामीण विकास के लिए कई परियोजनाओं को वित्तपोषित किया है जिससे हमारे किसानों और ग्रामीण उद्यमियों को लाभ हुआ है।
श्रीमती मंजू राजपाल ने राज्य फोकस पेपर 2025-26 के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने पैक्स के कम्प्यूटरीकरण में नाबार्ड के प्रयासों का उल्लेख किया और मई, 2025 तक 5,000 पैक्स को "गो लाइव" करने के सरकार के लक्ष्य को साझा किया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के उद्देश्यों और मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को समझने में मदद करने के लिए पैक्स के लिए अधिक प्रशिक्षण और अभिमुखी कार्यक्रम आयोजित करने का सुझाव दिया जिससे उनका सफल कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने बताया कि राज्य में भंडारण और खरीद सुविधाओं में सुधार लाने के लिए सहकारी क्षेत्र में 500 से 1000 मीट्रिक टन क्षमता वाले 150 गोदामों का निर्माण किया जा रहा है।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक ने स्टेट फोकस पेपर के विषय में बताते हुए कहा कि कुल अनुमानित ऋण संभाव्यता में 47% कृषि और संबद्ध कार्यों के लिए आकलित किया गया है, एमएसएमई क्षेत्र के लिए 45% और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों जैसे आवास, शिक्षा आदि के लिए 8% आकलित किया गया है। उन्होंने बताया कि एसएफपी में आकलित ऋण संभाव्यता का उपयोग वर्ष 2025-26 के लिए वार्षिक ऋण योजना तैयार करने के लिए एक आधार दस्तावेज़ के रूप में किया जाएगा। डॉ. सिवाच ने कहा कि कृषि आधारभूत सुविधाओं में निवेश में वृद्धि, कृषि उपज के समूहीकरण, मूल्य संवर्धन और किसानों को किसान उत्पादक संगठनों में संगठित करके कृषि की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है। सेमीनार के दौरान राज्य में वर्ष 2024-25 के दौरान सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली पैक्स, जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों और कृषक उत्पादक संगठनों को भी सम्मानित किया गया।
Next Story