जयपुर: पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राजस्थान की भजनलाल नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि, राजस्थान की भाजपा सरकार ने इंदिरा गांधी शहरी गारंटी रोजगार योजना का नाम बदलकर महापाप किया है। वैसे तो जब से राजस्थान में भाजपा की सरकार बनी है, तब से शहरी रोजगार गारंटी योजना में एक भी व्यक्ति को रोजगार नहीं दिया गया है, भाजपा सरकार इस योजना को पहले ही बंद कर चुकी है ।
शहरी रोजगार गारंटी योजना में एक भी व्यक्ति को रोजगार नहीं दिया जा रहा - खाचरियावास
इसके बाद राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने राजस्थान की भजनलाल नीत भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजस्थान की भाजपा सरकार ने इंदिरा गांधी शहरी गारंटी रोजगार योजना का नाम बदलकर घोर पाप किया है. वैसे जब से राजस्थान में बीजेपी सरकार सत्ता में आई है तब से शहरी रोजगार गारंटी योजना में एक भी व्यक्ति को रोजगार नहीं दिया जा रहा है, इस योजना को बीजेपी सरकार ने पहले ही बंद कर दिया है. जब भाजपा सरकार ने शहरों में रोजगार देना बंद कर दिया तो शहरी रोजगार गारंटी योजना का नाम इंदिरा गांधी से बदलकर मुख्यमंत्री रोजगार गारंटी योजना करने का कोई औचित्य नहीं है।
उपचुनाव की जीत से गदगद है भाजपा सरकार- खाचरियावास
उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री आयरन लेडी इंदिरा गांधी जिनकी उनके घर में ही हत्या कर दी गई थी, देश के लिए बलिदान हो गईं, जिस आयरन लेडी इंदिरा गांधी का पूरी दुनिया में लोहा माना जाता था, उन्होंने पाकिस्तान के दो टुकड़े करवाकर बांग्लादेश के दो टुकड़े करवा दिए. पाकिस्तान के. और पूरे देश में उन्हें देश की ताकत और विकास के लिए जाना जाता है. खाचरियावास ने कहा कि बीजेपी सरकार उपचुनाव की जीत पर घमंड कर रही है, आने वाले समय में यह युग भी बदलेगा, जो लोग उपचुनाव पर घमंड कर रहे हैं, उन्हें सबक सिखाएंगे. कांग्रेस पार्टी उपचुनाव में मिली हार से सबक लेकर आगे बढ़ेगी. लेकिन बीजेपी जो जुल्म कर रही है उसका करारा जवाब देगी.
बता दें कि इस योजना की शुरुआत तत्कालीन गहलोत सरकार ने सितंबर 2022 में की थी. इस योजना के तहत शहरी बेरोजगारों को ग्रामीण बेरोजगारों की तर्ज पर 100 दिनों का निश्चित रोजगार दिया जाता है। शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत जरूरतमंद परिवारों को जनाधार से जॉब कार्ड बनवाकर रोजगार मिलता है। यह योजना केंद्र के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की तर्ज पर शुरू की गई थी।
तीन योजनाओं को एक में मिला दिया गया
सरकार ने इंदिरा महिला शक्ति उड़ान योजना, इंदिरा महिला शक्ति जागरूकता शिक्षा कार्यक्रम और इंदिरा महिला एवं बाल विकास संस्थान योजना को मिलाकर एक योजना बनाई। अब इसे कालीबाई भील संबल योजना के नाम से जाना जाता है।