जयपुर जेडीए की प्रवर्तन शाखा कॉलोनियों के चंगुल में नहीं फंसेगी और विचार-विमर्श कर रास्ता निकालने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए जोन के प्रवर्तन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। इसके साथ ही विकास समितियों व जोन के जेईएन को भी जोड़ा जाएगा। प्रवर्तन शाखा यह प्रयोग इसलिए करने जा रही है ताकि पड़ोसियों की शिकायतें कम से कम मुख्यालय तक पहुंचें और उनका समाधान कॉलोनी स्तर पर ही किया जा सके।
अब ऐसा ही है
कॉलोनियों में सेटबैक और बिल्डिंग लाइन से पहले आवासीय भूखंडों पर निर्माण की शिकायतें आ रही हैं। कुछ शिकायतें बिल्डिंग की ऊंचाई को लेकर भी आती हैं. ऐसे में लोगों को समझाया जाएगा कि बिल्डिंग लाइन एक रहेगी तो कॉलोनी अच्छी दिखेगी और हवा-पानी भी ठीक से मिलेगा।
पर ध्यान दिया जायेगा
प्रवर्तन शाखा के अधिकारियों की मानें तो उनका फोकस शहर के बाहरी इलाकों में अवैध कॉलोनियों को बसने से रोकने पर है। इसकी निगरानी करने के साथ ही कार्रवाई भी की जा रही है. अवैध निर्माणों पर भी सख्ती होगी. क्योंकि चुनावी साल में अवैध कॉलोनियों और अवैध इमारतों का निर्माण तेजी से होता है।जी+2 से जी+4 मंजिल तक का निर्माण करने वाले बिल्डरों से साठगांठ करते हैं और अवैध निर्माण होने देते हैं। इसके बदले में विकास समिति के पदाधिकारी कॉलोनी में सुविधाएं विकसित कराते हैं।
जयपुर. जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने बुधवार को पृथ्वीराज नगर-दक्षिण में ताड़केश्वर सरोवर के भूखंड संख्या 38 पर कार्रवाई की. प्रवर्तन शाखा के मुख्य नियंत्रक धर्मेंद्र कुमार यादव ने बताया कि 200 वर्ग गज के प्लॉट के निर्माण में सेटबैक का उल्लंघन किया गया है. कार्रवाई के दौरान जेसीबी की मदद से अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया. इसके अलावा प्रवर्तन शाखा ने कानोता में सामरिया रोड पर 32 बीघे में अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनी को भी ध्वस्त कर दिया. यहां कॉलोनाइजर ने ग्रेवल सड़क बना दी थी और मिट्टी डाली जा रही थी।