राजस्थान

जयपुर: हाथ पांव कुदरती नहीं तो यहां मिलेंगे निशुल्क अंग

Soni
14 March 2022 1:30 PM GMT
जयपुर: हाथ पांव कुदरती नहीं तो यहां मिलेंगे निशुल्क अंग
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मथुरादास माथुर स्थित महावीर विकलांग संस्था जयपुर फुट के सहयोग से विकलांगों के हाथ-पांव के अलावा केलिपर, हियरिंग मशीन सहित 17 तरह की जरुरतों को निशुल्क भेंट करती है। इसके अलावा उनके दिए गए अंगों को रिपेयर भी करती है। साथ ही वर्कशॉप में कृत्रिम अंग बनाने वाली मोबाइल वैन मौजूद है। जो गांव ढाणी दूरदराज के क्षेत्र में जहां से लोग आ जा नहीं सकते, ऐसे दिव्यांगों तक पहुंच बनाकर उनको कुछ दिन के अंदर का लाभ दे रहे हैं। जयपुर फुट यूएसए के चेयरमैन प्रेम भंडारी ने बताया कि पूरी दुनिया में कई जगह पर कृत्रिम अंगों को निशुल्क देने का कार्यक्रम चल रहा है। कई देशों में अभी कैंप लगाए गए हैं। इन दिनों श्रीलंका में कैंप चल रहा है। देशभर के दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग निशुल्क प्रदान करने के लिए कैंप का आयोजन किया जा रहा है। खींचन में अगले माह 14 तारीख को कैंप लगाया जाएगा। जो दिव्यांग अपना रजिस्ट्रेशन कराएंगे सभी को इसका लाभ मिलेगा। साथ मोबाइल वैन भी इसी कार्य में जुटी हुई हैं। जयपुर फुट यूएसए के द्वारा 20 लाख से अधिक कृत्रिम अंग दिव्यंगों को लगाए हैं।

महावीर विकलांग संस्था जोधपुर के सेक्रेटरी प्रवीण संचेती ने बताया कि जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल स्थित भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर फुट यूएसए के तत्वावधान में दिव्यांगों के लिए निशुल्क अंग उपलब्ध किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि जहां पर कुछ ही घंटों में किसी भी उम्र के व्यक्ति का कृत्रिम अंग बनाकर लगा दिया जाता है । जयपुर फुट यूएसए दिव्यांग के द्वार तक कैंपेन के तहत मोबाइल वैन भी उपलब्ध है। यहां पर कृत्रिम अंग रिपेयर भी किए जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के योग कंसल्टेड व एस व्यास यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ नगेंद्र भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति जयपुर फुट के फाउंडर पद्म विभूषण डीआर मेहता के द्वारा यह अभियान शुरू किया गया था।

जयपुर,हाथ पांव,कुदरती,मिलेंगे,निशुल्क,अंगभगवान महावीर विकलांग संस्था 1980 से जोधपुर में सेवाएं दे रही है। 36 वर्षों तक यह संस्था महात्मा गांधी अस्पताल में संचालित हो रही थी। पिछले 6 वर्ष से मथुरादास माथुर अस्पताल के परिसर में संचालित हो रही है। 42 वर्ष में 85,656 लोग लाभांवित हो चुके हैं। 4,408 पेशेंट हाथ लगवा चुके हैं। लिंब, केलिपर, व्हिल चेयर, ट्राइसाइकिल आदि से अब तक 90 हजार से अधिक पेशेंट लाभान्वित हो चुके हैं।

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