राजस्थान
Jaipur: राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मन से लागू करने की जरूरत
Tara Tandi
18 Dec 2024 8:27 AM GMT
x
Jaipurजयपुर । राज्यपाल श्री हरिभाऊ बागडे ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मन से लागू करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यह नीति ऐसी है, जिससे भारत आने वाले समय में वैश्विक ज्ञान में महाशक्ति बन सकेगा। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति नैतिक मूल्यों से मनुष्य को जोड़ने वाली है। इससे देश के लोग सुनागरिक बनने की राह पर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने नवीन राष्ट्रीय शिक्षा नीति को प्रभावी रूप में लागू करने और शिक्षकों को इसमें अपनी महती भागीदारी निभाने का आह्वान किया।
श्री बागडे बुधवार को राजस्थान विश्वविद्यालय, आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा विभाग और शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला "राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020" में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा पाठ्यपुस्तकों का अध्ययन ही नहीं है, यह व्यक्ति को मानवीय मूल्यों से ओतप्रोत करने का मार्ग भी है। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की चर्चा करते हुए कहा कि वह सदा व्यक्ति नहीं समग्र पर जोर देते थे। नई शिक्षा नीति इसी दृष्टिकोण से जुड़ी है।
राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मानव मूल्यों को ही प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि शिक्षक नए से नए ज्ञान से अपने को जोड़े रखेगा तभी विद्यार्थी की बौद्धिक क्षमता का निर्माण कर पाएगा। उन्होंने शिक्षकों को मन से विद्यार्थियों को पढ़ाई कराने की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि मैकाले ने भारतीय शिक्षा नीति को पूरी तरह से पश्चिमीकरण करने का प्रयास किया। देश में शिक्षा आयोग और नीतियां बनी परंतु हम पश्चिम की सोच से मुक्त नहीं हुए। शिक्षा में मातृ भाषा और जीवन व्यवहार की शिक्षा जरूरी है। नई शिक्षा नीति इसी से जुड़ी है। इसलिए इसे व्यवहार में लागू करने के लिए सभी प्रयास करें।
राज्यपाल ने कहा कि भारत ज्ञान विज्ञान में आरंभ से ही समृद्ध रहा है। उन्होंने भास्कराचार्य का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने शून्य का जो वैज्ञानिक निष्कर्ष अपने समय में दिया, उसे ही पश्चिम के लोगों ने ग्रहण कर लिया। उन्होंने कहा कि भारत अपने ज्ञान से विश्वगुरु था। फिर से उस ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है।राज्यपाल ने इस अवसर पर कार्यशाला की स्मारिका का भी लोकार्पण किया।
उप मुख्यमंत्री डा. प्रेमचंद बैरवा ने नई शिक्षा नीति को प्राचीन भारत की समृद्ध ज्ञान परंपरा से जुड़ा बताते हुए कहा कि दशकों तक शिक्षा में जड़ता रही है। रटने पर ही शिक्षा में जोर दिया जाता रहा है परन्तु नई शिक्षा नीति समता आधारित समाज निर्माण के साथ समावेशी दृष्टिकोण लिए समस्या समाधान कौशल को बढ़ावा देने वाली है। शिक्षा संस्कृति न्यास के डॉ. अतुल कोठारी ने नई शिक्षा नीति को अपनाने के लिए उसे व्यवहार में लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा से ही देश को बदला जा सकता है। देश को विकास की नई राह दिलाई जा सकती है। उन्होंने शिक्षा संस्कृति न्यास के बारे में भी विस्तार से अवगत कराया। कॉलेज शिक्षा आयुक्त श्रीमती आरुषि मलिक ने भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा में किए जाने वाले नवाचारों के बारे में अवगत कराया।
कॉलेज आयुक्त श्री ओमप्रकाश बैरवा ने नई शिक्षा निति क्रियान्वयन के लिए दो दिवसीय कार्यशाला में होने वाली चर्चा के बारे जानकारी दी। राजस्थान विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अल्पना कटेजा ने स्वागत उद्बोधन दिया। श्री नितिन कासलीवाल ने कार्यक्रम का संयोजन किया।
TagsJaipur राज्यपाल हरिभाऊ बागडेनई राष्ट्रीय शिक्षा नीतिमन लागू जरूरतJaipur Governor Haribhau BagdeNew National Education PolicyNeed to be implementedजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Tara Tandi
Next Story