जयपुर: अधिकारियों पर सूचना कानून की अवहेलना करने को लेकर लगा पांच हजार रुपये का जुर्माना
राजस्थान न्यूज़: राज्य सूचना आयोग ने चूरू जिले के श्रम कल्याण अधिकारी पर सूचना देने में कोताही बरतने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग ने छह अन्य अलग अलग मामलों में अधिकारियों पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें ग्रामीण विकास, चिकित्सा और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हैं। चूरू के सम्पतलाल ने आयोग में शिकायत की कि श्रम विभाग मृत्यु सहायता योजना में लाभान्वित लोगो के बारे में अनेक तकाजों के बाद भी सूचना नहीं दे रहा है। सुनवाई के दौरान पता चला कि विभाग में ही प्रथम अपील में आदेश देने के बावजूद श्रम अधिकारी ने सूचना नहीं दी। इस पर सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने नाराजगी जाहिर की और कहा यह लोक हित से जुड़ा मामला है। आयोग ने जुर्माने के साथ ही श्रम अधिकारी को सूचना उपलब्ध कराने का आदेश दिया है।
आयोग ने बांसवाड़ा जिले के प्राथमिक शिक्षा अधिकारी पर भी पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। आयोग में गमीर चंद ने अपील दाखिल कर कहा वे स्थायीकरण के संबध में सूचना मांग रहे है, लेकिन डेढ़ साल गुजर जाने के बाद भी उन्हें सूचना नहीं दी गई है। सूचना आयुक्त बारेठ ने शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे गमीर चंद को रिकॉर्ड का अवलोकन कराने के बाद वांछित सूचना मुहैया करवाए। सूचना आयोग ने बांसवाड़ा में परतापुर, बीकानेर में खाजूवालाऔर श्री गंगानगर जिले में रायसिंहनगर के विकास अधिकारी पर पांच- पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। आयोग ने इन अधिकारियों को अपना पक्ष रखने का कई बार मौका दिया, लेकिन उन्होंने न तो जवाब दिया न ही सूचना उपलब्ध करवाई। इस पर सूचना आयुक्त बारेठ ने कहा ये आम अवाम से जुड़े विभाग है और सूचना देने में कोताही से सीधा आम आदमी प्रभावित होता है। आयोग ने अपने आदेश की प्रति इन अधिकारियो के विभागों को भेजने की हिदायत भी दी है।
आयोग ने सूचना आयोग के निर्देश की पालना करने पर बांसवाड़ा में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। ऐसे ही एक मामले में चूरू के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की यह राशि अधिकारियों के वेतन से वसूल की जाएगी। आयोग की इस कड़ाई के बाद इन विभागों में सूचना और जवाब देने की कार्रवाई में तेजी आई है।