राजस्थान

Jaipur: आरडीएसएस योजना के कार्यों को समय से कार्य पूरा करने के हर संभव प्रयास

Tara Tandi
5 Aug 2024 12:24 PM GMT
Jaipur: आरडीएसएस योजना के कार्यों को समय से कार्य पूरा करने के हर संभव प्रयास
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Jaipur जयपुर। उर्जा राज्यमंत्री हीरालाल नागर ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि बूंदी जिले में आरडीएसएस योजना के कार्यों को निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा सख्त मॉनिटरिंग के साथ- साथ संवेदकों को समय पर कार्य पूरा करने के लिए पाबंद किया गया है। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने पर संवेदकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।
उर्जा राज्यमंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्य द्वारा इस सम्बन्ध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि बूंदी जिले में आरडीएसएस योजनान्तर्गत 114.96 करोड़ रुपए की राशि के कार्य जून 2025 तक पूरे किये जाने प्रस्तावित है।
श्री नागर ने बताया कि आरडीएसएस के तहत बूंदी विधानसभा क्षेत्र में 98 लाख की लागत से 33 केवी के 4 फीडरों के विभक्तिकरण के कार्य, 164.67 लाख से 11 केवी के 17 फीडर विभक्तिकरण और 2.5 लाख रुपए की लागत से 11 केवी के एक फीडर के कृषि एवं कृषि पृथक्कीकरण के कार्य पूर्ण किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि योजना के तहत स्वीकृत राशि के विरुद्ध 15.9 करोड़ रुपए खर्च किये गए हैं।
उर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि 23 फरवरी 2024 से 30 जून 2024 तक बूंदी विधानसभा क्षेत्र में एक हजार 195 कृषि कनेक्शन लंबित हैं। उन्होंने बताया कि अगर टर्नकी सिस्टम के जरिये संवेदक द्वारा ट्रांसफार्मर इत्यादि उपलब्ध नहीं करवाया जाता है तो विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जायेगा एवं नए कनेक्शन विभागीय आधार पर उपलब्ध कराये जाएंगे।
इससे पहले विधायक श्री हरिमोहन शर्मा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में उर्जा राज्यमंत्री ने बताया कि बूंदी विधानसभा क्षेत्र में प्रसारण तंत्र के अन्‍तर्गत 132 केवी ग्रिड सब-स्‍टेशन रायथल व सम्‍बन्धित लाइनों का निर्माण कार्य पूर्ण करके 30 मई 2024 को स्‍थापित किया गया है। उन्होंने इसकी आवंटित राशि, गत तीन वर्षों में विद्युत वितरण तंत्र में सुधार हेतु अधिक भार वाले 33 केवी व 11 केवी के फीडरों का विभाजन, नये ट्रांसफार्मर की स्‍थापना एवं क्षतिग्रस्‍त पोलों को सही करना या नये पोल लगाना इत्‍यादि कार्यो के लिए आवंटित राशि का विवरण सदन के पटल पर रखा।
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