जयपुर: कठूमर में भी गोशाला पर चला बुलडोजर, 400 से ज्यादा गायें हुई बेघर
राजस्थान न्यूज़: अलवर जिले के राजगढ़ में मंदिरों पर बुलडोजर चलाने का मामला पहले से विवादों में चल रहा है और अब कठूमर में गोशाला पर भी वन विभाग की ओर से बुलडोजर चलाकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई है। इससे मामला ज्यादा गरमा गया है। गोशाला को पूरा तोड़ दिया गया है जिससे सैकड़ों गोवंशों के सामने रहने का संकट हो गया है। गोवंशों को कहां ले जाना है इसके लिए वह विभाग और प्रशासन की ओर से कोई इंतजाम भी नहीं किए गए हैं। कठूमर उपखंड में पिछले एक दशक से चल रही एक मात्र गोशाला को वन विभाग ने अतिक्रमण मानते हुए उसे बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हिन्दूवादी संगठनों में रोष व्याप्त है। इस मामले पर सियासत भी गरमाने लगी हैं, जबकि राज्य में सरकार गो सेस से करोड़ों रुपये कमाती है। इसके बावजूद गोवंश की रहने की व्यवस्था को लेकर कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।
वन विभाग की ओर से कठुमर उपखंड मुख्यालय के मैथना गांव में स्थित एक मात्र हनुमान गोशाला को ध्वस्त कर दिया गया है। विभाग का कहना है कि अवैध कब्जा कर 40 बीघा जमीन में गोशाला बनाई गई था जिसे अब अतिक्रमण मुक्त कराया गया है। कठूमर में गोशाला को ध्वस्त करने से करीब 400 गोवंशों के पास अब रहने का ठौर नहीं रह गया है। हाल ये है कि गोवंश भूख-प्यास से व्याकुल हो रहे हैं। लक्ष्मणगढ़ रेंजर्स जतिन सेन ने बताया कि मैथना रूध में स्थित वन विभाग की करीब 14 सौ बीघा जमीन में से करीब 40 बीघा जमीन पर पिछले एक दशक से गोशाला चल रही थी। इसमें 400 छोटे बड़े गोवंशों का पालन पोषण किया जा रहा था। सहायक वन संरक्षक कोर्ट राजगढ़ के वर्ष 2020 के आदेश की अनुपालना में गोशाला के संचालक को दिसंबर 2021 में गोशाला खाली करने और गायों को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने का नोटिस जारी किया गया था, लेकिन गोशाला संचालक ने नोटिस की पालना नहीं की। इसके बाद गुरुवार 21 अप्रैल को वन विभाग ने बुलडोज़र चला कर जमीन से गोशाला से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की। इस दौरान वन विभाग का जाब्ता, कठूमर पुलिस, राजस्व विभाग सहित भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। अतिक्रमण हटाने के लिए गोशाला संचालक ने दस दिन का समय मांगा, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते उन्हें समय नहीं दिया गया। कठूमर उपखंड अधिकारी रामकिशोर मीणा का कहना है कि पिछले दिनों प्रशासन की ओर से कैंप लगाया गया था जिसमें गोशाला स्थापित कर वन भूमि पर अतिक्रमण करने का मामला आया था, इसको लेकर विभाग की टीम की ओर से अतिक्रमण हटाया गया। कितनी जगह खाली करवाई गई और गोवंश की क्या वैकल्पिक व्यवस्था की गई, वन विभाग के अधिकारी बता सकते हैं।
गोशाला पर बुलडोजर चलाने की भारतीय जनता पार्टी ने निंदा की है। भारतीय जनता पार्टी प्रदेश मुख्य प्रवक्ता एवं विधायक रामलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान की सरकार बहुसंख्यक समाज को आहत करने की ठान चुकी है। राज्य सरकार द्वारा पहले सालासर के अंदर गेट पर लगे राम मंदिर को गिराने का काम किया और फिर करौली के दंगे और फिर अलवर के अंदर राजगढ़ में मंदिर को गिराना, उसके बाद अब अलवर जिले के ही कठूमर विधानसभा क्षेत्र के अंदर कई वर्षों से संचालित गोशाला जिसके अंदर 400 से अधिक गाय थी और जिसे सरकार से अनुदान मिल रहा था और इस गौशाला को अलवर के जिला कलेक्टर द्वारा बेस्ट गौशाला का अवार्ड भी प्रदान किया गया था, लेकिन उसके उपरांत भी कठूमर विधानसभा क्षेत्र में विधायक के इशारे के ऊपर वन विभाग का नाम लेकर 400 गायों के आशियाने को उजाड़ने का काम किया गया। जिसमे पानी की टंकी, गौशाला की चारदिवारी, चारे के शेड को तोड़ दिया गया है और उन 400 गायों को ऐसे स्थान पर छोड़ा गया है जहां उनके चारे की कोई व्यवस्था नहीं है। अब वो गाये कैसे अपने आप को बचा पाएगी यह भी मुश्किल है, लेकिन राज्य सरकार हिंदू समाज की आस्था पर लगातार प्रहार करने का काम कर रही है। वक्त आने पर राजस्थान की जनता भी इनको जवाब देने का काम करेगी।