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Jaipur जयपुर । राज्य में खनिज खोज कार्य का पांच साल का मास्टर प्लान बनाया जाएगा। प्रमुख शासन सचिव माइंस एवं भूविज्ञान श्री टी. रविकान्त ने बताया कि इससे प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा के एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी आएगी और एक्सप्लोरेशन से खनिजों के डिपोजिट, गुणवत्ता और उपलब्धता का समय पर आंकलन होने से खनिज ब्लॉकों की समय पर और कारगर तरीके से नीलामी हो सकेगी। उन्होंने बताया कि योजनाबद्ध प्रयासों से राजस्थान केवल एक साल में ही मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी से देश में शीर्ष पर आ गया है।
प्रमुख सचिव श्री टी. रविकान्त सोमवार को खनिज भवन में राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट की कार्यकारी समिति की बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसएमईटी को राज्य के मिनरल एक्सप्लोरेशन के पांच साल का मास्टर प्लान शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान खनिज संपदा संपन्न प्रदेश है और एक्सप्लोरेशन का मास्टर प्लान बनने से योजनाबद्ध तरीके से खनिज ब्लॉकों की नीलामी, खनन और दोहन का कार्य हो सकेगा और इससे प्रदेश में रोेजगार और राजस्व के अवसर बढ़ सकेंगे।
श्री रविकान्त ने कहा कि राज्य में मिनरल एक्सप्लोरेशन के क्षेत्र में कार्य कर रही केन्द्र व राज्य सरकार की संस्थाएं परस्पर सहयोग व समन्वय से एक्सप्लोरेशन कार्य को गति दे और कार्यों में डूप्लिकेसी से बचा जाए। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर निजी क्षेत्र के की एक्सप्लोरेशन कार्य में लगी संस्थाओं की भागीदारी भी तय की जाएगी।
श्री रविकान्त ने कहा कि मास्टर प्लान सहित प्रदेश की खनिज संपदा से संबंधित सामग्री को पब्लिक प्लेटफार्म में रखा जाए ताकि पारदर्शिता के साथ ही प्रदेश के माइनिंग सेक्टर में अधिक साधन संपन्न और तकनीकी दृष्टि से सशक्त प्रतिभागी आगे आ सकेंगे और इससे प्रदेश को माइनिंग ब्लॉकों की नीलामी से लेकर खनन तक बेहतर राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा और वैज्ञानिक ढंग से खनन होने से जीरो लॉस खनन हो सकेगा। उन्होंने आरएसएमईटी की तकनीकी सलाहकार समिति को और अधिक सक्रियता से कार्य करने के निर्देश दिए ताकि कार्य मेें गुणवत्ता बनी रहे।
निदेशक माइंस श्री भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि मिनरल एक्सप्लोरेशन कार्य में नवीनतम तकनीक के उपयोग की आवश्यकता है ताकि मिनरल की उपलब्धता और गुणवत्ता के आधार पर नीलामी में बेहतर राजस्व प्राप्त हो सके।
आरएसएमईटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री एनपी सिंह ने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा प्रदेश में एक्सप्लोरेशन से लेकर ड्रिलिंग, सेंपल एनालीसिस और विभागीय लेब के सशक्तिकरण के साथ ही तकनीकी रुप से विभागीय टीम को संसाधन उपलब्ध कराकर सक्षम बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आरएसएमईटी द्वारा ऑक्शन के लिए ब्लॉक तैयार कर उपलब्ध कराए गए हैं।
जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के श्री हरीश मिस्त्री, एमईसीएल के श्री आशीष सिंह आदि ने भी सुझाव दिए।
बैठक में संयुक्त सचिव आशु चौधरी, अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी श्री आलोक प्रकाश जैन, ओएसडी श्री श्रीकृष्ण शर्मा, एसजी श्री सुनील कुमार वर्मा केे साथ ही वित्तीय सलाहकार श्री गिरिश कछारा, एसजी श्री नितिन चौधरी, श्री मनीष माथुर व जीएसआई, एमईसीएल, आईबीएम, आरएसएमएम आदि सदस्य संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
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Tara Tandi
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