जयपुर: जयपुर में सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार देशराज यादव और निरीक्षक अरुण प्रताप सिंह को सहकारिता विभाग ने निलंबित कर दिया है. एसीबी ने दोनों अधिकारियों को 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. अब सहकारिता विभाग ने दोनों को निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय जयपुर मुख्यालय रहेगा।एडिशनल एसपी बजरंग सिंह ने ट्रैप कार्रवाई को अंजाम दिया था. शिकायतकर्ता ने शिकायत की थी कि देशराज यादव और अरुण प्रताप सिंह ने सहकारी समिति के किराये के कार्यालय पर छापेमारी में सहकारिता विभाग की टीम की मदद करने के बदले 20 लाख रुपये लिए थे. वे रुपये की मांग कर शिकायतकर्ता को परेशान कर रहे थे।
शिकायत सत्यापन
जिस पर एसीबी जयपुर के डीआइजी रणधीर सिंह के सुपर विजन में एसीबी विशेष जांच इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बजरंग सिंह शेखावत के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन किया गया. शिकायत सही पाए जाने पर सीआई रघुवीर शरण ने ट्रैप कार्रवाई करते हुए देशराज यादव, अरुण प्रताप सिंह को 5 लाख की रिश्वत राशि लेते हुए गिरफ्तार कर लिया.
मामले के अनुसार नील कमल शुक्ला की सिंधु नगर सहकारी समिति है। राजापार्क पंचवटी स्थित सहकारिता विभाग की करीब 800 वर्ग गज जमीन पर नील कमल ने अपनी सहकारी समिति का कार्यालय खोला है। यह ऑफिस 15 साल पहले एक कॉलोनाइजर से किराए पर लिया गया था। आरोपी देशराज यादव किसी अन्य बिल्डर के माध्यम से इस बेस कीमती जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहा था।
कमरे खोलने के एवज में 20 लाख रुपये
कार्यालय खाली कराने के लिए देशराज ने 24 जून को सहकारिता विभाग की ओर से पुलिस जाप्ता के साथ छापेमारी की थी. छापेमारी के बाद वहां दो कमरों को सील कर दिया गया. दोनों सीलबंद कमरों में सोसायटी के दस्तावेज रखे हुए थे। नील कमल शुक्ला सील किये गये कमरों को खुलवाना चाहते थे। इस पर देशराज यादव दोनों कमरे खोलने के लिए 20 लाख रुपये की मांग कर रहा था.