जयपुर: बाड़मेर जिला कारागृह में हत्या के मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे एक बंदी की तबीयत बिगड़ने से उसकी मौत हो गई। 40 घंटे तक धरना चला इस दौरान कई दौर की वार्ता हुई लेकिन गुरुवार रात करीब 10.40 बजे जेलर को सस्पेंड और डॉक्टर को एपीओ करने पर गतिरोध टूट गया। इससे पहले पुलिस लाइन में संभागीय आयुक्त, आईजी के साथ सरकार के प्रतिनिधिमंडल की चार घंटे की लंबी वार्ता के बाद सहमति बन पाई।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल जन प्रतिनिधियों ने धरना स्थल पर पहुंचकर लोगों से कहा कि प्रशासन परिजनों की मांग पर कार्रवाई के लिए तैयार है. इसके बाद धरना समाप्त हो गया। मामले की न्यायिक जांच चल रही है. इधर, जेल में चिकन पॉक्स बीमारी से पीड़ित कैदियों को जिला अस्पताल लाया गया और उनका इलाज किया जा रहा है. चौहटन थाने में दर्ज हत्या के मामले में डूंगरपुरा (सनाऊ) निवासी जयसिंह (34) पुत्र कमलसिंह की बुधवार को न्यायिक अभिरक्षा में चिकन पॉक्स होने से समय पर उपचार नहीं मिलने और अत्यधिक गर्मी के कारण जेल में मौत हो गई।
विधायक हमीर सिंह भायल के मुताबिक सीएम भजनलाल शर्मा ने लापरवाह अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है. जो भी गलती करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और जेल में बंदियों के इलाज पर भी ध्यान दिया जाएगा। इतनी सारी बीमारियों से निपटने में सक्षम नहीं होने और लापरवाही के कारण सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए जेलर राजेश डूकिया को निलंबित कर दिया है. साथ ही डॉक्टर ओपी डूडी को एपीओ कर देंगे. मामले की न्यायिक जांच चल रही है. शिव विधायक रवींद्रसिंह भाटी ने कहा कि जयसिंह की मौत जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई है. इसके बाद वह लगातार मांगों को लेकर धरने पर बैठे रहे और न्याय की लड़ाई लड़ी. प्रतिनिधिमंडल में चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल, स्वरूप सिंह खारा, एडवोकेट रूप सिंह राठौड़, एडवोकेट स्वरूप सिंह राठौड़, किशोर सिंह कानोड़, पूर सिंह राठौड़, जिला अध्यक्ष हिंदू सिंह तामलोर व ईश्वर सिंह बलाई शामिल थे.
धरना करीब 40 घंटे तक चला: मामले में जेल प्रशासन और जेल डिस्पेंसरी के डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजन और सभी समुदाय के लोग धरने पर बैठ गये. मामले में मांगों को लेकर शिव विधायक रवींद्रसिंह भाटी सहित समाज के सभी वर्ग के लोग पिछले 40 घंटे से धरने पर बैठे हैं. कई दौर की बातचीत के बावजूद कोई सहमति नहीं बन पाई. इस बीच न्यायिक जांच के आदेश के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट राधिका सिंह चरण ने शवगृह में पोस्टमार्टम के लिए नोटिस चस्पा कर परिजनों से पोस्टमार्टम में सहयोग के लिए उपस्थित रहने का अनुरोध किया, लेकिन परिजन राजी नहीं हुए.