कोटा: मावा मिलावट के 12 साल पुराने मामले में आरोपी पंजाबी फूड्स रेस्टोरेंट व मैस संचालक गगन भूटानी को दोषी मानते हुए न्यायालय ने एक साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है । न्यायालय ने आरोपी पर 2000 रुपए का जुमार्ना भी लगाया । खाद्य निरीक्षक चौथमल शर्मा ने आरोपी गगन भूटानी पुत्र रमेश कुमार निवासी विज्ञान नगर के खिलाफ अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कम संख्या 1 के समक्ष आरोप पत्र पेश किया था ।अभियोजन अधिकारी रेखा खींची ने बताया कि खाद्य निरीक्षक चौथमल शर्मा ने 13 जुलाई 2009 को मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देश पर कोटा में पंजाबी फूड्स रेस्टोरेंट एंड मैस का निरीक्षण किया था । रेस्टोरेंट संचालक गगन भूटानी मौजूद था। खाद्य निरीक्षक को अपना लाइसेंस 2009 का दिखाया रेस्टोरेंट में एक स्टील के बर्तन में करीब 10 किलो मावा फ्रिज में रखा हुआ था। मिलावट का शक होने पर 750 ग्राम मावा खरीदा और उसकी कीमत 75 रुपए भी दी। जिसकी खरीद की रसीद प्राप्त कर उसके हस्ताक्षर लिए गए। इसके बाद निरीक्षक ने नमूना जांच के लिए लैब में भेज दिया। 18 अगस्त 2009 को जांच रिपोर्ट में मावा मिलावट का पाया गया। इस पर आरोपी के खिलाफ मावा विक्रय कर धारा पीएफ एक्ट का उल्लंघन किया गया।
निरीक्षक ने खाद्य पदार्थ अप मिश्रण अधिनियम 1954 की धारा के अंतर्गत न्यायालय में 10 दिसंबर 2009 को न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया था । इस पर न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए 20 जनवरी 2010 को प्रकरण दर्ज कर आरोपी को तलब किया था। न्यायालय ने इस मामले में 31 मई 2011 को मुकदमा दर्ज किया और सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान गवाहों के बयान कराए गए और 15 दस्तावेज पेश किए गए । पीठासीन अधिकारी विभा आर्य ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपने निर्णय में आरोपी को दोषी मानते हुए लिखा की वर्तमान में मिलावटी खाद्य पदार्थ की बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है ।जिससे लोक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है ।खाद्य पदार्थों में मिलावट के परिणाम स्वरूप नई-नई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं जिससे समाज पर विपरीत असर आ रहा है । ऐसे मामलों में आरोपियों को दंडित किया जाना न्याय उचित होगा इसलिए आरोपी गगन भूटानी पंजाबी फूड्स रेस्टोरेंट व मैस संचालक को एक साल के कठोर कारावास तथा 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया जाता है।