उदयपुर में जगन्नाथ आज निकलेंगे नगर भ्रमण पर, जगदीश मंदिर से पुरी की तर्ज पर निकलेगी रथयात्रा
उदयपुर। लेकसिटी उदयपुर में भगवान जगन्नाथ मंगलवार 20 जून को नगर भ्रमण पर निकलेंगे। इसके लिए जगदीश मंदिर से पुरी की तर्ज पर जगन्नाथजी की रथयात्रा निकाली जाएगी।
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के आयोजन को लेकर सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई है। भगवान जगदीश के मंदिर और चांदी के रथ को सजाया गया है। साथ ही रथयात्रा के रूट को भी पूरी तरह से सजाया गया है। यात्रा से पहले कलक्टर ताराचंद मीणा व एसपी भुवन भूषण यादव के साथ विभागों की टीमों ने रथयात्रा समिति के साथ रूट का जायजा लिया और जो भी कमियां थी उनको ठीक कराया। सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन ने माकूल प्रबंध किए है।
बताया गया कि प्रभु जगन्नाथ की विशाल रथ यात्रा मंगलवार को जगदीश मंदिर से दोपहर 3 बजे प्रारंभ होकर नगर भ्रमण कर पुन: रात्रि 10.30 बजे जगदीश चौक पहुंचेगी। जहां पर प्रभु की हजारों भक्तों की उपस्थिति में महाआरती की जाएगी और उसके बाद भक्तों के लिए महा प्रसादी होगी।
जगन्नाथ रथ की खास बातें
रथ समिति अध्यक्ष राजेंद्र श्रीमाली ने बताया कि 80 किलो चांदी से निर्मित रथ सीपी सागवान से बनाया गया है, जिस पर चांदी चढ़ाने का कार्य किया गया। रजत रथ 8 फीट चौड़ा 16 फीट लंबा और 21 फीट ऊंचा बना है। इसमें प्रभु जगन्नाथ स्वामी, माता लक्ष्मी, दानी राय जी के साथ विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। रथ यात्रा निकलने से पहले 21 बंदूकों की सलामी दी जाएगी।
रथयात्रा में पारम्परिक पोषाक में शामिल होंगे श्रद्धालु, नहीं की जाएगी आतिशबाजी।
रथ यात्रा में शामिल होने वाले भक्त व रथ को खींचने वाले भक्त पारंपरिक ड्रेस सफेद जब्बा, पायजामा, धोती, सिर पर पाग धारण कर शामिल होंगे। जबकि महिलाएं जगदीश मंदिर से कलश लेकर भजन गाते हुई रथ यात्रा में शामिल होगी। रथ यात्रा मार्ग में प्लास्टिक, आतिशबाजी आदि का प्रयोग पूरी तरह वर्जित रहेगा।
28 साल पहले शुरू हुई रथयात्रा
उदयपुर में पुरी की तर्ज पर रथयात्रा 28 साल पहले शुरू हुई थी। इससे पहले भगवान जगन्नाथ को मंदिर में ही भ्रमण कराया जाता था। पांच सौ लोगों ने मिलकर पहली रथयात्रा की शुरूआत की और 8 हजार रुपए का खर्चा आया। अब रथयात्रा पूरी तरह हाईटेक हो चुकी है। चांदी के रथ में हाईड्रोलिक ब्रेक लगे हैं। अस्सी किलो चांदी का इस्तेमाल कर हैदराबादी नक्कासी वाला रथ भगवान को नगर भ्रमण कराएगा। साल 2002 में चांदी का रथयात्रा बनाने का निर्णय लिया गया। ढाई लाख रुपए में लकड़ी का रथ बनाया गया तथा 45 किलो चांदी उस पर चढ़ाई गई थी। अब इस्तेमाल रथ नया है।
चार सौ पुराना जगन्नाथ मंदिर
उदयपुर का जगदीश मंदिर चार सौ साल पुराना है। महाराणा प्रताप के पड़पोते महाराणा जगत सिंह प्रथम ने 1652 में निर्माण कराया था। हालांकि इसकी नींव 1627 में ही रख दी गई थी। 125 फीट ऊंचा यह मंदिर 50 कलात्मक खंभों पर खड़ा हैं।
Ashwandewangan
प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।