राजस्थान

आंगन में खेल रही छह माह की बेटी को खींच कर ले जा रहा था सियार

Admin4
15 May 2023 7:24 AM GMT
आंगन में खेल रही छह माह की बेटी को खींच कर ले जा रहा था सियार
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कोटा। कोटा यह कहानी है उस मां की है, जो 6 माह की बेटी को सियार के जबड़ाें से खींच लाई। इटावा क्षेत्र के झाड़ोल गांव में घटना छह माह पहले की है। आंगन में खेल रही बेटी बिसरता काे सियार (जेकाल) उठाकर ले जा रहा था। तुलसा ने सियार काे उठाकर पटका, तब जाकर सियार के जबड़ाें में फंसी छह माह की मासूम बेटी काे बचा पाई। अब बेटी बिसरता सालभर की है। करीब एक माह तक बेटी का काेटा के जेकेलाेन अस्पताल में इलाज चला। मदर्स डे के माैके पर भास्कर ने तुलसा बाई से बात की, उन्हाेंने ही सुनाई पूरी कहानी- यह घटना 2 नवंबर 2022 की है। शाम करीब 4 बजे का समय था।
मेरे पति जोधराज माळ में खेत पर गए हुए थे। घर पर मैं और छह माह की बेटी बिसरता ही थे। बेटी घर के आंगन में ही खेल रही थी। मैं बाड़े में बंधी भैंसों को चारा डाल रही थी। अचानक बेटी के रोने की आवाज आई तो मैंने उसकी तरफ देखा। बेटी को सियार ने जबड़े में दबा रखा था। बेटी की जिंदगी के आगे सारा डर खत्म सा हो गया था। बच्ची के सिर का आधा हिस्सा सियार के जबड़े में था। मैंने पास में पड़ी लकड़ी उठाकर उस पर फेंकी तो वह बच्ची को लेकर और तेज भागने लगा। मैं भी शोर मचाते हुए पीछे भागी। वह घर के आंगन में ही इधर उधर बेटी को मुंह में दबाए दौड़ता रहा और मैं पीछे-पीछे शोर मचाते हुए बेटी को छुड़ाने के प्रयास करती रही।
सियार बच्ची को लेकर आंगन से बाहर निकल गया। मैंने दौड़कर उसके पीछे की दोनों पैर पकड़कर उछाल दिया तो बेटी उसके मुंह से छिटक गई। मैने बेटी को संभाला। इतने में तो कई और लोग आ गए। बच्ची के सिर से खून निकल रहा था। गांव के एक लड़के के साथ बाइक पर मैं बच्ची को गोद में लेकर इटावा अस्पताल पहुंची। वहां डॉक्टरों ने सिर के घावों पर ड्रेसिंग की और उसके बाद कोटा के लिए भेज दिया। जेकेलोन अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज शुरू किया, तब जाकर मुझे तसल्ली हुई। मैं यह सोच-सोचकर राेती थी कि बेटी इतना दर्द कैसे झेल रही होगी। खैर... करीब एक माह चले डॉक्टरों के इलाज से आराम आया, सारे घाव भरे और हमें अस्पताल से छुट्‌टी मिली। आज बेटी ठीक है।
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