हादसों से सबक लेना जरूरी है, नहीं तो मुसीबत में आप कुछ नहीं कर पाएंगे
नागौर न्यूज़: एसी डक्ट भी पुरानी, कई खराब भी, अस्पताल आधुनिक लेकिन सिस्टम पुराने भास्कर न्यूज । नागौर जयपुर के जेके लोन अस्पताल में मंगलवार को एसी लाइन में शॉर्ट सर्किट से आग लगने के बाद 22 बच्चों का जीवन संकट में आ गया था। इसको लेकर भास्कर ने भी स्थानीय जेएलएन राजकीय अस्पताल में यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। यहां आपात स्थिति से निपटने की तैयारी देखी। इसमें सामने आया कि जेएलएन में भी आगजनी की कई वजह रह सकती है और इससे निपटने के लिए तैयारियां भी आधी अधूरी ही है।
जेएलएन अस्पताल में वैसे भी समस्याओं की भरमार है, इसके ऊपर पीएमओ की ओर से न तो तैयारियां की गई है न ही उच्चाधिकारियों ने इसका जायजा लिया। पूरे अस्पताल में कई जगह स्विच खराब पड़े हैं। एमसीएच विंग में एसएनसीयू वार्ड में 0-28 दिन के बच्चे रहते हैं। इन्हें वार्मर मशीन पर रखा जाता है लेकिन यहां लगी कुल 20 मशीन में से 10 तो 2009 की है। जबकि 10 नई है। एसएनसीयू वार्ड में दीवारों की पपड़ी भी निकलने लगी है। इससे यह बच्चों के ऊपर गिरने का बड़ा खतरा है। अस्पताल के कई वार्ड में एसी डक्ट बहुत पुरानी हो चुकी है। जिससे भी दुर्घटना की आशंका है। इनमें से कुछ तो खराब पड़े हैं। अस्पताल में आग बुझाने के लिए अग्निशमन यंत्र तो लगे हैं लेकिन पानी से आग बुझाने के पाइप और इनके नोजल खराब पड़े हैं। पानी की पाइप लाइन खराब होने से पानी भी नहीं आ रहा है।
ऐसे में अगर कभी हादसा हुआ तो इससे निपटने के विकल्प अस्पताल प्रशासन के पास न के बराबर है। हालांकि अस्पताल में ऑक्सीजन पाइप लाइन सिस्टम ठीक है। क्योंकि इसे तो कोरोना के दौरान ही डवलप किया गया था। लेकिन अन्य व्यवस्थाएं चरमराई हुई है। शॉर्ट सर्किट से आगजनी के हादसे से निपटने के लिए हर वार्ड के बाहर एमसीबी लगी हुई मिल जाएगी।