हिंडोली: हिंडोली पंचायत समिति क्षेत्र के मेडी ग्राम पंचायत में दो हजार मजदूरों का नरेगा का दो माह से भुगतान बाकी चल रहा है जिससे मजदूर का जीवन यापन करना दुश्वार हो गया है। नरेगा के आधा दर्जन से अधिक काम के काम के भुगतान बकाया चल रहा है। ऐसे में सैंकड़ों संख्या में नरेगा मजदूर ग्राम पंचायत के चक्कर काटने को मजबूर है। मेडी ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती कैलाश कंवर ने बताया कि मेडी ग्राम पंचायत के लोहारिया, गणेशगंज, स्वयं मंडी ग्राम पंचायत मुख्यालय, सुखपुरा, अमरपुरा में पिछले 4 महीने से नरेगा के कार्य चल रहे थे। जो पूर्ण हो चुके है। हमारी तरफ से जो हो सकता था वह हमने कर दिया है लेकिन पिछले 2 महीने से नरेगा मजदूरों का भुगतान अटका होने से मजदूरों को रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसको लेकर कई बार उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है लेकिन अभी तक मजदूरों के खाते में भुगतान नहीं आया है। संैकड़ों मजदूर रोज ग्राम पंचायत के चक्कर काट रहे हैं। ऐसी स्थिति में हम जवाब दें तो क्या दें? मजदूर बेचारा यही सोचता है कि हो सकता है सरपंच कार्य नहीं कर रहे है लेकिन हम बराबर उच्चाधिकारियों के संपर्क में रहकर बार-बार सूचना दे रहे है लेकिन प्रशासन है कि हमारी सुन ही नहीं रहा है।
मजदूर बोले- हमारी रोजी रोटी पर संकट
मेडी निवासी मजदूर दुर्गा लाल, शंकरलाल ने बताया कि हमारी रोजी-रोटी मजदूरी से ही चलती है। अब हम प्राइवेट काम कर रहे है जिससे हमारा गुजारा चल रहा है। भुगतान हो जाए तो रक्षाबंधन की खरीदारी हम कर सकते है। मजदूरों की भी सरकार को सोचनी चाहिए। कर्मचारियों की जब एक महीना वेतन नहीं आता है तो हड़ताल पर उतरते है या सरकार को चेतावनी देते है। हम तो यह भी नहीं कर सकते फिर सरकार इतनी कठोर क्यों होती जा रही है। मजदूरों ने मांग की कि शीघ्रता से शीघ्र मारा नरेगा का भुगतान कराया जाए। सोचनीय विषय है कि हिंडोली उपखंड मुख्यालय होते हुए भी यहां विकास अधिकारी का पद एक लंबे समय से खाली चल रहा है।
इनका कहना है
यह नरेगा का मामला है। भुगतान केंद्र सरकार द्वारा दिया जाता है। जो पिछले दो माह से भुगतान नहीं आ रहा हैे लेकिन सरकार द्वारा एक परिवर्तन कर दिया गया है। अब काम के नाम का भुगतान नहीं आता है। भुगतान पहले एससी वर्ग, एसटी वर्ग, ओबीसी वर्ग, जनरल वर्ग के हिसाब से जॉब कार्ड अनुसार आता है।
मोहन लाल मीणा, कार्यवाहक विकास अधिकारी