राजस्थान
84 लाख योनियों में से मनुष्य रूप में और वह भी भारत की धरती पर जन्म लेना सौभाग्य की बात है: धर्मनारायण शर्मा
Gulabi Jagat
14 April 2024 12:39 PM GMT
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भीलवाडा। जो राष्ट्र स्वत्व का अभिमान नहीं रखता उसका दुनिया में कहीं सम्मान नहीं होता है। हम सभी अपनी संस्कृति और मूल्यों से दूर होते जा रहे हैं। पूरे भारत को जोड़ने के लिए एक भाषा का होना अनिवार्य है। हमें अपनी संस्कृति पर गर्व होना चाहिए। 84 लाख योनियों में से मनुष्य रूप में और वह भी भारत की धरती पर जन्म लेना बहुत बड़े सौभाग्य की बात है। ये विचार विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय प्रबंध समिति के सदस्य धर्मनारायण शर्मा ने वरिष्ठ नागरिक मंच संस्थान भीलवाड़ा की अप्रैल माह की बैठक में मुख्य वक्ता के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि हमें अपने स्वत्व का अभिमान होना चाहिए। जो दुर्बल है उसे संसार में कोई नहीं पूछता इसलिए हमें हर दृष्टि से सक्षम भी बनना है। इससे पूर्व वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष श्याम कुमार डाड ने सभी का स्वागत किया। महासचिव कृष्ण गोपाल सोमानी ने बैठक का संचालन किया। सलाहकार मंडल सदस्य आरपी रुंगटा और संरक्षक सदस्य एसएस मेहता ने भी अपने विचार रखे। मंच अध्यक्ष मदन खटोड़ ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्रांतीय सम्मेलन की सफलता पर सभी को धन्यवाद दिया और आगामी कार्यक्रमो की विस्तृत जानकारी दी। महिला प्रमुख वीणा खटोड़ ने बताया कि मई माह में महिलाओं के सिलाई प्रशिक्षण की व्यवस्था की जावेगी। इस अवसर पर उमाशंकर शर्मा और सुदर्शन देव सोलंकी का भवन रिपेयरिंग में सहयोग करने पर सम्मान किया गया।
गत माह में नए बने सदस्यो एवं जिन सदस्यों का इस माह में जन्मदिन है, उनका अभिनंदन किया गया। वरिष्ठ सदस्य ओमप्रकाश बूलिया ने मुख्य अतिथि का परिचय करवाया। बैठक में भवानी शंकर शर्मा, कैलाश चंद्र सोमानी, राजकुमार अजमेरा, सत्यनारायण भट्ट, बसंती लाल मुंदड़ा, राम प्रकाश पोरवाल, डाॅ केसी पंवार, जगदीश चंद्र गगरानी, महावीर सोनी, प्रदीप शर्मा, बद्रीनारायण लड्ढा, ओमप्रकाश भदादा, जॉय पियरसन, मूलचंद बाफना, अशोक चांडक, नवरतन मल चैधरी, अनिल माहेश्वरी, एनसी जैन, हरिश्चंद्र तापड़िया, रामावतार अग्रवाल, राजकुमार पाटनी, लीलाराम आडवाणी, गोपाल जागेटिया, मंजू खटवड, जतन हिंगड़, शकुंतला बाफना, विमला सोमानी, विजयलक्ष्मी सोमानी आदि उपस्थित रहे। संविधान निर्माता डा भीमराव आंबेडकर को भी उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में याद किया गया और उनके बताए मार्ग पर चलने का संदेश दिया गया।
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Gulabi Jagat
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