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कोटा। नींबू वर्गीय फल उत्कृष्टता सेंटर नांता पर विभिन्न नींबूवर्गीय फलों जैसे संतरा, मौसमी, किन्नू, की विभिन्न किस्मों की उत्कृष्ट व गुणवत्तापूर्ण पौध तैयार की जा रही है। इंडो इजरायलकृषि परियोजना के अंतर्गत स्थापित इस सेंटर पर वर्तमान में संतरा, मौसमी व नींबू की 29 स्थानीय व विदेशी किस्में तैयार की जा रही हंै। साथ ही कुछ अन्य किस्मों पर शोध कार्य भी जारी है। सेंटर के माध्यम से किसानों को इजराइली पद्धति जैसे बेड बनाकर पौधे लगाना, ड्रिप संयंत्र स्थापना, फर्टिगेशन, केनोपी मैनेजमेंट, ट्रेनिंग, प्रूनिंग आदि की जानकारी दी जाती है व किसानों को उच्च गुणवत्ता प्राप्त करने के लिए इस पद्धति से पौधे लगाने को लेकर प्रेरित किया जाता हैं। संतरे की प्रचलित किस्मों में नागपुर संतरा, नागपुर सीडलेस, डेजी, फ्रीमोंट , फेयर चाइल्ड तथा मौसमी की प्रचलित किस्मों में कटोल गोल्ड, जाफा, वेलेंसिया ओलिंडा, ब्लड रेड व नींबू की लोकप्रिय किस्मों में एनआर सी- 7, एन आर सी -8, बालाजी, प्रमालिनी, साई शरबती, विक्रम, थाई लेमन आदि शुमार है। वर्ष भर में हजारों किसान इस सेंटर से पौधे लेकर अपने खेत पर उत्तम गुणवत्ता के फलों का उत्पादन ले रहे हैं। उत्कृष्ट पौध तैयार करने के अलावा सेंटर पर वर्ष भर में हजारों किसान प्रशिक्षण में शामिल होते हंै जिसमें किसानों को उन्नत उद्यानिकी गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की जाती है साथ ही फील्ड विजिट के माध्यम से प्रायोगिक पहलुओं के बारे में भी जानकारी दी जाती है।
प्रदेश में नींबू वर्गीय फलों के बगीचों के विकास के लिए राष्ट्रीय बागवानी मिशन से वित्त पोषित इन्डो इजरायली कार्य योजना के तहत उद्यान विभाग ने नांता फार्म पर संतरा उत्कृष्टता केन्द्र (सेनूटर आॅफ एक्सीलेंस फोर सिट्रस) स्थापित किया गया हैं। इस सेन्टर पर संतरे के देशी एवं विदेशी किस्मों के एक दर्जन उत्पादन तैयार किए जा चुके हैं। संतरे के बगीचे विकसित करने में किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
कृषि अनुसंधान अधिकारी ने बताया कि सेन्टर पर अत्याधुनिक तकनीकी से बने मदर ब्लॉक ,नेट हाऊस संतरे की देशी किस्म के एक लाख पौधे तैयार किऐ गए हैं। इन पौधों के चैम्बर नेट हाऊस फोर में स्थान्तरित कर इजरायली तकनीकी के आधार पर संतरे की नागपुरी ,सीडलेस ,मेन्डरोन ,डेजी क्लेंम मेंन्टास,किन्नों,मिखारबल ,जाफा,ब्लडऐल आदि किस्म के पौधे का प्रत्यारोपण (वंडिग)किया गया । पौधे विभाजित होने पर परीक्षण के लिए पॉली हाऊस व खुले वातावरण में रोपे गए हैं।
कोटा का वातावरण संतरों के लिए अनुकूल है। इजराइल के संतरा विशेषज्ञ व कृषि मंत्री भी ले यहां का जायजा ले चुके हैं। इजरायली तकनीकी के तहत पहले हमने बीस हजार पौधे लगाए व इस बार एक लाख पौधे लगाए जाएंगे।
हम समय समय पर उधानिकी में गोष्ठी का आयोजन कर नई-नई तकनीक से किसानों को अवगत कराते हैं। इससे संतरा उत्पादकों को खासा लाभ हो रहा है।
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