कोटा में 1.50 करोड़ से बनेगा इंटरप्रिटेशन सेंटर, पर्यटन विभाग ने जारी की वित्तीय स्वीकृति
कोटा: शहरवासियों व वन्यजीव प्रेमियों के लिए खुशखबरी है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क में करीब 1400 स्क्वायर मीटर में इंटरप्रिटेशन सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने 1.50 लाख का बजट स्वीकृत कर दिया है। अब पर्यटक वन्यजीवों की दुनिया से रुबरू हो सकेंगे। सेंटर में आधुनिक आॅडियो-विजुअल उपकरण भी लगाए जाएंगे, जिससे पर्यटक खुद को जंगल में होने का अहसास महसूस कर सकेंगे।
1.70 करोड़ का बजट स्वीकृत
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के पास करीब 1400 स्क्वायर मीटर में 1.50 करोड़ की लागत इंटरप्रिटेशन सेंटर व 10 हैक्टेयर में 20 लाख की लागत से बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया जाना है। गत दो वर्ष पहले जिला कलक्टर ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग से प्रपोजल मांगे थे। इस पर वन्यजीव विभाग ने बायोलॉजिकल पार्क में इंटरप्रिटेशन सेंटर व बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने के प्रस्ताव रखे थे। जिसकी नवम्बर 2022 में स्वीकृति मिली थी। पर्यटन विभाग ने वित्त विभाग से स्वीकृति लिए वन्यजीव विभाग को एस्टीमेट मांगे थे। एस्टीमेट देने के बाद 19 जनवरी को दोनों कार्यों के लिए कुल 1 करोड़ 70 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया। बजट राशि आने के काम इंटरप्रिटेशन सेंटर व बायोडायवर्सिटी पार्क का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
देख सकेंगे, जंगल में बाघ कैसे करता है शिकार
इंटरप्रिटेशन सेंटर में थियेटर भी बनाया जाएगा। जिस पर पर्यटकों को वन्यजीवों की फिल्म दिखाई जाएगी। रात में वन्यजीव जंगल में कैसे विचरण करते हैं और कैसे शिकार करते हैं, यह फिल्म के माध्यम से पर्यटकों को रुबरू कराया जाएगा। इतना ही नहीं जंगल में बारिश और रात में दहाड़ते बाघ की आवाज रोमांचित स्पीकर के माध्यम से लोगों को रोमांचित करेगी। इसके अलावा दुर्लभ व विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे, औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। राजस्थान में कितने प्रकार की जैव विविधता पाई जाती है, इसकी भी जानकारी दी जाएगी।
क्या है इंटरप्रिटेशन सेंटर
नेचर प्रमोटर एएच जैदी ने बताया कि इंटरप्रिटेशन सेंटर वन्यजीव, पक्षी व जंगल की संपूर्ण जानकारी देने वाली गैलरी है। यहां वन्यजीवों का वैज्ञानिक नाम, जीवनकाल, दिनचर्या, प्रजनन, खानपान आवास व जीवनचक्र की जानकारी दी जाएगी। साथ ही उसके व्यवहार के साथ प्रदेश में पाए जाने वाले अन्य फ्लोरा, जैव विविधता, पक्षियों, रेप्टाइल्स और अन्य वन्यजीवों की जानकारी भी मिलती है। सेंटर में बच्चों का ध्यान रखते हुए ज्ञानवर्धक एवं मनोरंजन युक्त जानकारियां भी जाती है। इसमें अभेड़ा की जीवनी से लेकर वन्यजीवों व पर्यटन स्थलों के बारे में जानने का मौका मिलेगा। यहां आने वाले पर्यटकों को इंटरप्रिटेशन सेंटर के जरिये अलग ही अनुभव मिलेगा। वहीं, बाघ, तेंदुआ, भालू, हिरन सहित अन्य वन्यजीवों, जंगल एवं नदियों को शिल्पकला के माध्यम से दशार्या जाएगा।
बायोडायवर्सिटी पार्क में मिलेगा सुकून
अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के पास ही बायोडायवर्सिटी पार्क बनाया जाना है। वैसे तो यह पार्क 50 से 100 हैक्टेयर के बीच बनना है लेकिन बजट कम होने से 10 हैक्टेयर में ही पार्क बनाया जाएगा। इसके लिए अभी 20 लाख रुपए का ही बजट सेंशन हुआ है। भविष्य में बजट बढ़ता है तो इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। इस पार्क में पर्यटकों के पैदल चलने के लिए ट्रैक, विभिन्न प्रजातियों के पौधे और बैठने के लिए लकड़ियों के शेड बनाए जाएंगे। यहां आने वाले लोगों को सुकून मिलेगा।
जंगल और वन्यजीवों का रोचक संसार होगा सेंटर
डीसीएफ फ्लाइंग अनुराग भटनागर ने बताया कि पर्यटकों को वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने के लिए यहां विभिन्न एनीमल की डमी बनाई जाएगी, जो उनके असल में होने का अहसास कराएंगे। साथ ही उनका सम्पूर्ण इतिहास भी बताया जाएगा। इसके अलावा लाइफ साइंस एक्जिबिट्स भी लगाए जाएंगी। बच्चों के लिए यह सेंटर जंगल और वन्यजीवों का रोचक संसार होगा। यह सब मॉडल के रूप में दशार्या जाएगा।
इनका कहना है
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क के पास इंटरप्रिटेशन सेंटर व बायोडायवर्सिटी पार्क बनाने के लिए 1 करोड़ 70 लाख रुपए का बजट स्वीकृत कर दिया है। इसकी प्रथम किश्त 25 हजार रुपए मिलेगी। सम्पूर्ण बजट राशि मिलने के बाद काम शुरू करवा दिया जाएगा।
- अनुराग भटनागर, डीसीएफ उड़नदस्ता कोटा