राजस्थान

दस शावकों को जन्म देने वाली बाघिन के नामकरण की दिलचस्प कहानी

Admin Delhi 1
26 July 2023 9:22 AM GMT
दस शावकों को जन्म देने वाली बाघिन के नामकरण की दिलचस्प कहानी
x

सवाई माधोपुर न्यूज़: रणथम्भौर से हाल‌ ही में रणथम्भौर से खुश खबरी आई है। यहां की बाघिन ऐरोहेड ने तीन शावकों को जन्म दिया है। बाघिन ऐरोहेड ने चार बार में दस शावकों को जन्म दिया है। बाघिन ऐरोहेड की कहानी बड़ी ही दिलचस्प है तो आइए जानते कैसे पड़ा बाघिन टी-84 का नाम ऐरोहेड....

बाघिन टी-84 का जन्म साल 2014 में हुआ। इसकी मां बाघिन टी-19 कृष्णा है। जन्म के कुछ समय बाद से इसके सिर पर लोगों को तीर का निशान दिखाई देने लगा था। सिर पर तीर के निशान की वजह से वन्यजीव प्रेमियों ने इसका ऐरोहेड रख दिया। जिसे बाद में वन विभाग ने टी-84 नाम दिया। बाघिन फिलहाल रणथम्भौर की सबसे फेमस बाघिनों में से एक है। बाघिन पहली बार 23 मार्च 2014 को दिखाई दी थी। बाघिन एरोहेड, बाघिन कृष्णा (T-19) के दूसरे लिटर की सन्तान है। जिसकी नानी रणथम्भौर की सुप्रसिद्ध बाघिन मछली (T-16) थी।

9 साल की बाघिन अब तक चार बार मां बनी है। फरवरी 2018 में ऐरोहेड ने पहले लिटर (ब्यात) में दो शावकों को जन्म दिया। जो कुछ समय बाद ही लापता हो गए। इसके बाद साल 2019 में बाघिन ने दूसरे लिटर में दो फिमेल शावकों को जन्म दिया। यह दोनों शावक रिद्धी और‌ सिद्धी के नाम से जानी जाती है‌। जिन्हें वन विभाग टी-124 और टी-125 नाम दिया। साल 2021 में तीसरे लिटर में बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया। यह शावक भी लापता हो गए। जिसके बाद अब साल 2023 में बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है।

Next Story