पॉलिथीन का उपयोग करने पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश
कोटा: शहर की स्थाई लोक अदालत ने कोटा शहर में प्रतिबंधित पॉलीथिन का उपयोग करने के मामले में फैसला सुनाते हुऐ नगर निगम आयुक्त और जिला कलेक्टर को कोटा शहर एवं कोटा जिले में पॉलिथीन को तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित करते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं । इस मामले में एडवोकेट लोकेश कुमार सैनी ने एक जनहित याचिका न्यायालय में पेश की थी । जिसमें बताया था कि कोटा जिले में पॉलिथीन प्रतिबंधित होने के बावजूद तीन टन घातक प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग किया जा रहा है । इस दौरान लगातार उपयोग में किए जा रहे कपड़े के कैरी बैग वास्तव में कपड़े के नहीं है बल्कि प्लास्टिक मेटेरियल के बने हुए हैं जो पर्यावरण के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं।
याचिका में बताया गया था सितंबर 2017 में एनजीटी ने 50 माइक्रोन से पतले प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था जबकि राजस्थान सरकार ने 1 अगस्त सन 2010 से ही प्रदेश में प्लास्टिक के कैरी बैग पर प्रतिबंध लगा चुकी है इसके बावजूद पॉलिथीन के कैरी बैग खुलेआम इस्तेमाल किए जा रहे हैं । इस मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय ने नगर निगम आयुक्त तथा जिला कलेक्टर को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था। नगर निगम ने इस मामले में जवाब पेश करते हुए बताया कि राज्य सरकार के आदेश अनुसार जब्त की गई । पॉलिथीन 6710 किलो 25 अप्रैल 2019 को डिस्पोज के लिए भिजवाई गई थी। शेष पॉलिथीन 5144 किलो को भी जल्द ही निस्तारण के लिए भेजा जाएगा । जवाब में अभी बताया गया । यह अकेले कोटा या राजस्थान की नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर की समस्या है । इसके समाधान के लिए उच्चस्तरीय निर्णय हो। इसी तरीके से प्रत्येक व्यक्ति का भी कर्तव्य के वह दुकानदारों से पॉलिथीन की थैलियों में कोई वस्तु नहीं ले । न्यायालय में दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए कोटा नगर निगम व जिला कलेक्टर को आदेश दिया कि वह प्लास्टिक की थैलियों का उपयोग जहां भी किया जा रहा है उसे तुरंत प्रभाव से प्रतिबंधित करने की विधि अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें ।